Hard Disk क्या है? HDD की परिभाषा एवं कार्य और प्रकार, हार्ड डिस्क कैसे काम करती है? जानिए हार्ड डिस्क का काम क्या है? क्यों हार्ड डिस्क की जरुरत होती है? आइये जानते है हार्ड डिस्क में सबकुछ आसान शब्दों में।
हेलो दोस्तों कैसे हो आप सभी आपका Tech Academy Pro में बहुत-बहुत स्वागत है दोस्तों क्या आप जानते हो HDD क्या होता है आज के जमाने में दोस्तों कंप्यूटर और लैपटॉप का वर्क बहुत ही ज्यादा हो गया है।
इस लेख में आप जानेंगे Hard Disk क्या है और ये कितने प्रकार की होती है? हार्ड डिस्क को अक्सर Disk drive या “Hard Disk Drive (HDD)” भी कहा जाता है। जिस तरह लाइब्रेरी में किताबो को संभालने के लिए अलमारी की आवश्यकता होती है, वही computer को भी ऐसी ही जगह की जरूरत होती है, जिसमे वह Digital data को store कर पाये।
डिजिटल सामग्री (Document, Image, Videos, Software, Operating system, program) को स्टोर और प्रोसेस करने के लिए computer दो तरह की storage device का उपयोग करते है। जिसमे Hard Disk एक द्वितीयक मेमोरी डिवाइस (secondary memory device) है। यह डाटा को स्थायी (permanent) तौर पर संग्रहित करके रखती है।
जबकि प्राथमिक मेमोरी डिवाइस (RAM) कंप्यूटर के प्रोग्राम को प्रोसेस करने का काम करती है। इसे अस्थायी मेमोरी भी कहा जाता है। Hard Disk को कंप्यूटर के एक महत्वपूर्ण घटक के रूप में देखा जाता है क्योंकि इसके बिना कोई भी computer काम नही करेगा।
इस लेख में हम आपको बतायेंगे कंप्यूटर में हार्ड डिस्क क्या होता है? जिसमे आपको Hard Disk के बारे में बहुत कुछ जानने को मिलेगा। तो चलिए सबसे पहले जानते है, हार्ड डिस्क किसे कहते है फिर इसके बाकि पहलुवों पर बात करेंगे।
हिस्ट्री ऑफ़ Hard Disk
Reynold B. Johnson एक अमेरिकी आविष्कारक और कंप्यूटर अग्रणी थे । ये IBM कंपनी में लम्बे समय तक कर्मचारी थे और इन्हें “हार्ड डिस्क ड्राइव” का “Father” कहा जाता है। First HDD 13 Sept, 1956 को IBM की ओर से market में लाया गया था।
first time इसका use RAMAC 305 system में किया गया था जिसमे केवल 5MB की storage capacity थी । यह HD (hard disk) removeable न होकर कंप्यूटर में हीं Built in हुआ करता था । उसके बाद सन 1963 में IBM द्वारा 2.6 MB storage capacity वाला एक removeable HDD develope किया गया ।
फिर 1980 में इसी कंपनी ने 1GB storage capacity वाला HDD को launch किया जो की वजन में 550 pond का था और उस समय इसकी कीमत लगभग 40,000 डॉलर हुआ करती थी ।
उसके बाद 1983 में Rodime की तरफ से 3.5-इंच का HD को develope किया गया जिसका storage 10MB था ।
उसके बाद सन 1992 में Seagate कंपनी ने 7200 RPM का HD जारी किया । इस कंपनी ने सन 1996 में first 10,000 RPM HDD और सन 2000 में first 15,000 RPM HDD को भी पेश किया ।
सन 1991 में Solid-State Drive (SSD) को SanDisk Corporation द्वारा 20 MB की storage capacity के साथ लाया गया। हाल हीं में सन 2016 में हार्ड डिस्क ड्राइव (HDD) की 60 वीं वर्षगांठ थी ।
Hard Disk का परिचय
Hard Disk और hard disk drive (HDD), एक इलेक्ट्रो-मैकेनिकल डेटा स्टोरेज डिवाइस है, जो की एक या एक से अधिक कठोर तेज़ी से घूमने वाले डिस्क (प्लैटर्स) का उपयोग करके डिजिटल जानकारी को Store और retrieved करने के लिए उपयोग करता है।
HDD non-volatile भंडारण का एक प्रकार है, जो powered off होने पर भी स्टोर किये गए data को save रखता है । यह सभी computers या laptops में पाया जाने वाला एक मास स्टोरेज डिवाइस है जिसका उपयोग स्थायी डेटा जैसे ऑपरेटिंग सिस्टम, प्रोग्राम और उपयोगकर्ता फ़ाइलों को store करने के लिए किया जाता है।
इसमें आप Audio , vedio , text documents आदि कई चीजो को स्टोर भी स्टोर कर सकते है ।
हर hard disk के अंदर एक गोल aluminium या मिश्र धातु या एक ग्लास / सिरेमिक कम्पोजिट की बनी छोटी गोल डिस्क जैसी वस्तुएं होती हैं, जिसे “platters” कहते है । प्रत्येक platters को एक विशेष चुंबकीय कोटिंग के साथ लेपित किया जाता है जो उन्हें चुंबकीय रूप से डेटा स्टोर करने में सक्षम बनाता है।
HDD कई अलग-अलग स्टोरेज capacities के साथ आते हैं, इसकी क्षमता को bytes में मापा जाता है, जिसमें MB (Megabytes) और GB (Gigabytes) को इसकी सबसे common capacities बताई जाती है।
पुराने दिनों में सिर्फ 5MB की क्षमता के साथ हार्ड ड्राइव मिलना आम बात थी, और आजकल 40GB यानि की 40,960 MB से कम वाले नए हार्ड ड्राइव को खरीदना मुश्किल है ।
अभी के समय में एक सामान्य हार्ड डिस्क ड्राइव की क्षमता 40GB से लेकर 120GB तक होती है।
Hard Disk की संरचना
Hard Disk क्या है?
Hard Disk जिसे Hard Disk Drive (HDD) भी कहा जाता है, एक नॉन-वोलेटाइल मेमोरी हार्डवेयर डिवाइस है।हार्ड डिस्क का काम computer data को स्थायी रूप से संग्रहित (permanently store) और पुनर्प्राप्त (retrieve) करना होता है। non-volatile device उन्हें कहा जाता है, जो कंप्यूटर में किसी भी प्रकार के डाटा को लंबे समय तक स्टोर करके रख सकती है।
अर्थात कंप्यूटर पावर ऑफ हो जाने के बाद भी डाटा सुरक्षित रखता है। Hard Disk को सेकेंडरी स्टोरेज डिवाइस भी कहा जाता है। यह एक कंप्यूटर केस के अंदर मौजूद रहती है और data cables (PATA, SCSI, SATA) का उपयोग करके computer motherboard से जुड़ी होती है।
डिजिटल जानकारी को संग्रहित और पूर्णप्राप्त करने के लिए Hard Disk चुम्बकीय भंडारण (magnetic storage) का उपयोग करती है। इसीलिये इसे Electro-mechanical data storage device भी कहा जाता है। हार्ड डिस्क में डाटा को स्टोर करने के लिए एक या एक से अधिक गोल घूमने वाली disk (platter) लगी होती है।
प्रत्येक प्लेटर में एक बहुत पतली पट्टी होती है, जो चुम्बकीय सामग्री (magnetic material) के इस्तेमाल से बनाई जाती है। इन platters में कई सारे track और sector मौजूद रहते है और यह spindle के माध्यम से घूमते है। जब प्लेटर घूमना शुरू करता है, तो Hard Disk में लगा एक Read/Write arm इसके उप्पर दाएं से बाएं खिसकता है।
इसका काम platter से डाटा पढ़ना और डाटा लिखना होता है। जितनी गति (speed) से स्पिंडल, प्लेटर को घुमाएगा Hard Disk में डाटा उतनी ही तेजी से स्टोर होगा। इसकी गति को RPM (Revolution Per Minute) में मापा जाता है. इसका अर्थ है, प्लेटर ने एक मिनट में कितने चक्कर लगाए. अधिकतर Hard Disk 5400 RPM से 7200 RPM की होती है।
Hard Disk के प्रयोग में आने से पहले कंप्यूटर में जानकरी को संग्रहित करने के लिए floppy disk का उपयोग किया जाता था। परन्तु यह सिर्फ 3.14MB तक ही data स्टोर कर सकती थी। बल्कि इसके उलट Hard Disk कई terabytes data को स्टोर करने की capacity रखती है। प्रथम हार्ड डिस्क का अविष्कार 1956 में IBM द्वारा किया गया था और RAMAC (Random Access Method of Accounting and Control) पहली हार्ड डिस्क थी।
Hard Disk कितने प्रकार की होती है?
वर्तमान में HDD चार प्रकार की होती है :-
(1) PATA (Parallel Advanced Technology Attachment) :
ये हार्ड डिस्क ड्राइव के पहले टाइप थे और उनमें कंप्यूटर से कनेक्ट करने के लिए Parallel ATA इंटरफ़ेस स्टैंडर्ड का उपयोग किया। इन प्रकार के ड्राइव वे हैं जिन्हें हम Integrated Drive Electronics (IDE) और Enhanced Integrated Drive Electronics (EIDE) ड्राइव के रूप में रेफर करते हैं।
ये पाटा ड्राइव 1986 में Western Digital बैक द्वारा पेश किए गए थे। उन्होंने हार्ड ड्राइव और अन्य डिवाइसेस को कंप्यूटर से कनेक्ट करने के लिए एक कॉमन ड्राइव इंटरफ़ेस तकनीक प्रदान की।
डेटा ट्रांसफर रेट 133MB/s तक जा सकता है और अधिकतम 2 डिवाइस ड्राइव चैनल से कनेक्ट किए जा सकते हैं। अधिकांश मदरबोर्ड में दो चैनलों का प्रावधान होता है, इस प्रकार कुल 4 EIDE डिवाइस इंटरनली कनेक्ट किए जा सकते हैं।
उनमें 40 या 80 वायर रिबन केबल का उपयोग किया जाता हैं, जिससे डेटा के कई बिट्स समानांतर ट्रांसफर किया जा सके। इन ड्राइव में मैग्नेटिजम के उपयोग से डेटा स्टोर किया जाता हैं। इंटरनल स्ट्रक्चर मैकेनिकल मुविंग पार्ट से बना होता है।
आजकल, SATA हार्ड डिस्क द्वारा PATA हार्ड डिस्क को प्रतिस्थापित किया जा रहा है। ये सबसे पुराने प्रकार की हार्ड डिस्क है. इसका उपयोग पहली बार 1986 में किया गया था. PATA Hard Disk कंप्यूटर से जुड़ने के लिए ATA interface standard का उपयोग करती है।
इसे पहले Integrated Drive Electronics (IDE) के रूप में संदर्भित किया जाता था। यह एक मध्यम गति की हार्ड डिस्क है, इसका data transfer rate 133MB/s तक हैै। ये ड्राइव magnetism के इस्तेमाल से data store करती है।
(2) SATA (Serial Advanced Technology Attachment) :
आज के अधिकतर कंप्यूटर और लैपटॉप में आपको इस प्रकार की Hard Disk मिलेगी। एक PATA drive के मुकाबले SATA Hard Disk का data transfer rate अधिक होता है।
इसकी गति 150MB/s से 600MB/s तक हो सकती है। SATA cables काफी पतली और लचीली होती है, जो PATA cables के मुकाबले काफी बेहतर है। ये कई मायनों में पुरानी हार्ड डिस्क ड्राइव से बेहतर है।
(3) SCSI (Small Computer System Interface) :
इस प्रकार के हार्ड डिस्क कंप्यूटर से जुड़ने के लिए छोटे कंप्यूटर सिस्टम इंटरफेस का इस्तेमाल करते है। ये IDE hard drive के काफी समानांतर है।
SCSI Hard Disk के नये संस्करण (16-bit ultra – 640) की data transfer speed 640 MBps तक है और यह 12 meter की लंबाई वाली cable के साथ 16 device से कनेक्ट कर सकता है। ये हार्ड डिस्क IDE हार्ड ड्राइव के समान हैं। वे IDE और SATA की तुलना में हाई रेट पर स्पिन करते हैं।
(4) SSD (Solid State Drives) :
ये आज की सबसे लेटेस्ट ड्राइव में आती है। बाकी सभी Hard Disk डिवाइस के मुकाबले काफी बेहतर और तेज है। SSD डाटा स्टोर करने के लिए flash memory technology का उपयोग करती है.
इसकी डाटा एक्सेस स्पीड काफी तेज होती है. इसकी कीमत एक HDD drive के मुकाबले काफी अधिक है। यह हार्ड डिस्क में अन्य टाइप के विपरीत, मुविंग पार्ट नहीं होते।
SSD डेटा स्टोरेज के लिए सेमिकंडक्टर का उपयोग करते हैं। चूंकि कोई मुविंग कंपोनेंट नहीं हैं, इसलिए ये हार्ड डिस्क बहुत फास्ट हैं और अन्य ड्राइव की तुलना में ब्रेक डाउन की संभावना कम है। हालांकि, इनकी कीमत अन्य हार्ड डिस्क की तुलना में थोड़ी अधिक है।
Hard Disk के पार्ट्स
Platter एक गोलाकार, मटेरियल डिस्क है जो एक हार्ड डिस्क ड्राइव के अंदर माउंट होती है। एक छोटे से एरिया में अधिक डेटा स्टोरेज सरफेस बनाने के लिए कई प्लेटर एक फिक्स्ड स्पिंडल मोटर पर माउंट होते हैं।
प्लेटर में एल्यूमीनियम या ग्लास सब्सट्रेट से बने कोर होते हैं, जो फेरिक ऑक्साइड या कोबाल्ट मिश्र धातु की पतली परत से ढके होते हैं। सब्सट्रेट मटेरियल के दोनों तरफ, एक पतली कोटिंग को स्पेशल मैन्युफैक्चरिंग तकनीक द्वारा डिपॉजिट किया जाता हैं।
यह, पतली कोटिंग ही हैं, जहां वास्तविक डेटा स्टोर किया जाता है जिसे मीडिया लेयर कहां जाता है।
ii) Read/Write Heads :
हेड मैग्नेटिक मीडिया के बीच एक इंटरफ़ेस होते हैं जहां हार्ड डिस्क में डेटा स्टोर किया जाता है और इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट्स होते हैं। हेड इनफॉर्मेशन को कन्वर्ट करते हैं, जो मैग्नेटिक पल्स के लिए बिट्स के रूप में होता है जब इसे प्लेटर पर स्टोर करना होता है और रिड के दौरान यह प्रोसेस उलट होती है।
हेड हार्ड डिस्क का सबसे परिष्कृत पार्ट होता हैं। प्रत्येक प्लेटर में दो read/write हेड होते हैं, जो टॉप पर और नीचे कि और माउंट होते हैं। यह हेड, हेड स्लाइडर्स पर माउंट होता है, जिन्हें हेड आर्म एंड पर सस्पेंडेड होता है। हेड आर्म को एक ही स्ट्रक्चर में शामिल किया जाता है जिसे एक्ट्यूएटर कहा जाता है, जो उनके मूवमेंट के लिए ज़िम्मेदार है।
iii) The Spindle Motor :
हार्ड डिस्क प्लेटर्स को रन करने के लिए स्पिंडल मोटर हार्ड ड्राइव ऑपरेशन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। एक स्पिंडल मोटर को निरंतर उपयोग के लिए कई घंटों तक स्थिर, भरोसेमंद और लगातार मोड़ प्रदान करना चाहिए। यदि स्पिंडल मोटर ठीक से काम नहीं करती तो हार्ड ड्राइव फेल हो सकती है।
iv) Hard Disk Logic Board :
हार्ड डिस्क, हार्ड डिस्क युनिट में इंटिग्रेट एक इंटेलीजेंट सर्किट बोर्ड के साथ बनाई जाती है। यह हार्ड डिस्क के नीचे कि तरफ माउंट होता है। इस लॉजिक बोर्ड के साथ read/write हेड फ्लेक्सिबल रिबन केबल के माध्यम से लिंक होता हैं।
v) Drive Bay :
पूरी हार्ड डिस्क को बाहरी हवा से बचाने के लिए डिज़ाइन किए गए एक एनक्लोश़र में लगाया जाता है। हार्ड डिस्क के आंतरिक वातावरण को धूल और अन्य दूषित पदार्थों से मुक्त रखना आवश्यक है। ये प्रदूषक read/write हेड और प्लेटर्स के बीच के अंतर में जमा हो सकते हैं, जिससे आमतौर पर हेड क्रैश होता है।
डिस्क के नीचे के भाग को भी बेस कास्टिंग कहा जाता है। ड्राइव मैकेनिक्स बेस कास्टिंग और एक कवर में रखा जाता है, जो आमतौर पर एल्यूमीनियम से बना होता है ताकि हेड और प्लेटर्स को घेरने के लिए टॉप पर रखा जा सके।
इन पूरे कंटेंटस् को बेस और कवर चेंबर पर रखा जाता हैं, जिसे हेड-डिस्क असेंबली के रूप में जाना जाता है। एक बार जब आप इस असेंबली को ओपन करते हैं, तो यह हार्ड डिस्क करप्ट हो जाती हैं। इसके अलावा भी Hard Disk के कई और पार्ट्स होते है। अगर आप उनके बारे में पूरी जानकारी चाहते है, तो यहां क्लिक करे।
Hard Disk के कार्य
एक Hard Disk का मुख्य कार्य कंप्यूटर डाटा को हमेशा के लिए संग्रहित (स्टोर) करना है। इसलिए इसे Permanent Storage भी कहा जाता है। यह डाटा कई प्रकार का हो सकता है, जैसे आपकी personal files, documents, software, operating system etc. इन हार्ड डिस्क में कितना डाटा स्टोर हो सकता है।
ये Hard Disk की storage capacity पर निर्भर करता है। आज आपको ऐसी हार्ड डिस्क मिल जाएगी जिनकी डाटा स्टोर करने की क्षमता gigabytes से लेकर terabytes तक है। रैम जैसे volatile स्टोरेज के विपरीत, हार्ड ड्राइव अपने डेटा को पॉवर ऑफ होने पर भी स्टोर करती है। यही कारण है कि जब आप अपने कंप्यूटर को रिस्टार्ट करते हैं, तो आपको अपने सभी डेटा का एक्सेस मिल जाता है।
हार्ड ड्राइव को पूरी तरह से समझने के लिए आपको यह जानना होगा कि यह फिजिकली कैसे काम करती है। असल में, इसमें डिस्क होते हैं, जो एक के ऊपर दूसरे कुछ मिलीमीटर पर रखे होते हैं। इन डिस्क को platters कहा जाता है।
इन platters को इस तरह से पॉलिश किया जाता है ताकि वे हाई मिरर शाइन और अविश्वसनीय रूप से चिकने बन जाए जो बड़ी मात्रा में डेटा को स्टोर कर सकते हैं।
इसके बाद इसमे एक आर्म होता है, जो platters के ऊपर और नीचे लगे होते हैं। यह डिस्क पर डेटा को राइट और रिड करता है। यह प्लेटर पर फैला हुआ होता है और इसके सेंटर एज़ से प्लेटर पर मूव करता हैं। इसके एक छोर पर लगे हेड से यह प्लेटर पर डेटा को Read/Write करता है।
औसत डोमेस्टिक ड्राइव में यह आर्म प्रति सेकंड लगभग 50 बार हिलता है। हार्ड ड्राइव पुराने कैसेट टेप की तरह इनफॉर्मेशन स्टोर करने के लिए मैग्नटिज़म का उपयोग करते हैं। इसी कारण से, कॉपर हेड का उपयोग किया जाता है क्योंकि उन्हें आसानी से मैग्नटाइज़ किया जा सकता हैं।
Storage and Operation
जब आप एक फ़ाइल को सेव करते हैं, तो write हेड प्लेटर पर अक्सर 4,000 RPM कि स्पीड पर डेटा को write करता हैं। हालांकि, यह कहीं भी नहीं जाता है क्योंकि कंप्यूटर बाद में फ़ाइल का पता लगाने में सक्षम होना चाहिए। यह ड्राइव पर पहले से ही किसी भी अन्य इनफॉर्मेशन में हस्तक्षेप या वास्तव में डिलीट नहीं करना चाहिए।
इस कारण से, प्लेटर्स को विभिन्न sectors और tracks में विभाजित किया जाता है। ट्रैक पीले रंग में हाइलाइट किए गए लंबे सर्कुलर डिवीजन हैं। फिर इन ट्रैक को छोटे सेक्शन में डिवाइड किया जाता हैं, जिन्हें tracks कहा जाता हैं।
In Operation
जब आप अपने पीसी पर फ़ाइल, प्रोग्राम या वास्तव में कुछ भी ओपन करते हैं, तो हार्ड ड्राइव को इसे ढूंढना होता हैं। तो मान लीजिए कि आप किस एक फाइल को ओपन करते हैं। तो सीपीयू जो आप ओपन करना चाहते हैं वह हार्ड ड्राइव को बताएगा। हार्ड ड्राइव बहुत तेज़ी से घूमती है और यह फाइल को नैनो-सेकेंड में ढूँढ़ती हैं।
फिर हेड इस फाइल को read करेगा और इसे सीपीयू को भेज देगा। ऐसा करने में लगने वाले समय को read time कहा जाता है। फिर सीपीयू इस फाइल को ले जाता है और फाइल को आपकी स्क्रीन पर भेजता है।
Hard Disk की आवश्यकता
हर कंप्यूटर को होती है। इसमें ही हमारा सारा डेटा जमा होता है। अगर ये नहीं होता, तो हमें Computer में कुछ भी खोजने पर नहीं मिलता और उससे भी पहले, हम कंप्यूटर में कुछ भी जमा ही नहीं कर पाते।
हार्ड डिस्क ही है, जिसकी वजह से हमारा कंप्यूटर इतनी स्पीड से डेटा तो पकड़ कर, उसे स्टोर कर लेता है। हार्ड डिस्क के उपयोग से ही, हमारा सालों पुराना डेटा भी कंप्यूटर में सुरक्षित रहता है।
स्टोरेज … ना कि Memory
Hard Drive पर क्या स्टोर किया जाता है?
म्युजिक, वीडियो, टेक्स्ट डयॉक्युमेंटस्, और बनाई गई या डाउनलोड की गई किसी भी फ़ाइल सहित किसी भी टाइप के डेटा को स्टोर करने के लिए हार्ड ड्राइव का उपयोग किया जा सकता है।
साथ ही, हार्ड ड्राइव कंप्यूटर पर रन हो रहे ऑपरेटिंग सिस्टम और सॉफ़्टवेयर प्रोग्राम के लिए फ़ाइलों को भी स्टोर करता है।
Hard Drive कि साइज़ कितनी होती हैं?
हार्ड ड्राइव आमतौर पर किसी भी अन्य ड्राइव की तुलना में अधिक डेटा स्टोर करने में सक्षम है, लेकिन इसकी साइज और उसकी उम्र के प्रकार के आधार पर भिन्न हो सकता है।
पुराने हार्ड ड्राइव में कई सौ megabytes (MB) से gigabytes (GB) कि स्टोरेज साइज होती थी। नए हार्ड ड्राइव में कई सौ gigabytes (GB) से कई terabytes (TB) कि स्टोरेज कैपेसिटी होती है। हर साल, नई और बेहतर तकनीक से हार्ड ड्राइव स्टोरेज साइज बढ़ रही है।
आज आमतौर पर डेस्कटॉप पीसी या लैपटॉप में 160GB, 250GB, 500GB, 1TB और 2TB स्टोरेज साइज कि हार्ड डिस्क होती हैं।
लोकप्रिय Hard Disk ड्राइव मैन्युफैक्चर
Hard Disk Drive कंप्यूटर से कैसे कनेक्ट होती है?
Exteral Hard Disk
Exteral Hard Disk drive एक पोर्टेबल स्टोरेज डिवाइस है जिसे USB या FireWire कनेक्शन या वायरलेस तरीके से कंप्यूटर से जोड़ा जा सकता है ।
Exteral Hard Disk drive में आमतौर पर उच्च भंडारण क्षमता होती है और अक्सर इसका उपयोग कंप्यूटर का backup लेने या नेटवर्क ड्राइव के रूप में करने के लिए किया जाता है। External hard drives को removable hard drives भी कहा जाता है ।
Hard Disk धीरे काम क्यों करने लगता है ?
- Hard disk के slow होने का सबसे main reason होता है की इसमें data को गलत तरीके से save करना ।
- कभी कभी अधिक data भी save कर देने से disk slow work करने लगता है ।
- इसके अलावा virus की वजह से भी ये slow work करता है ।
आपके लिए Hard Disk ठीक रहेगा अगर
- आपको बहुत सारा Storage capacity चाहिए लगभग 10TB या उससे भी ज्यादा।
- आप ज्यादा पैसे खर्च नहीं करना चाहते।
- अगर आपको Computer की boot up speed और copy करने की क्ष्य्मता को लेकर ज्यादा चिंता नहीं है तब आपके लिए सबसे अच्छा option हैं HDD.
Hard Disk के लाभ
- Exteral Hard Disk कम लागत में मिल जाता है ।
- इसमें सेटअप की सुविधा है ।
Hard Disk के हानियाँ
- External disk drive में भी internal disk drives की तरह data loss होने का रिस्क होता है ।
- इसमें virus, worms, corruption, का भी डर रहता है ।
- यह सूरज की रोशनी, गर्मी, नमी, तरल पदार्थ, धूल और चुंबकीय क्षेत्र से भी प्रभावित हो सकता है ।
HDD व SSD में प्रमुख अंतर
HDD की बात सबसे पहले करते है। यह चुम्बकिय तत्व से बनी होती है और इसके अंदर मकैनिकल पार्ट्स होते है। इसकी storage capacity बहुत अधिक होती है, जिसके चलते आप अपने computer में 1TB या उससे अधिक डाटा स्टोर कर सकते है।
अगर आप एक HDD खरीदते है, तो वह आपको काफी सस्ते दामों में मिल जाएगी। एचएचडी की डाटा एक्सेस स्पीड काफी सुस्त होती है। यानी आपके प्रोग्राम और कंप्यूटर को चालू होने में काफी समय लगता है।
SSD इसके मुकाबले काफी तेज है और यही इसकी एक बड़ी उपलब्धि भी है। यह डाटा को स्टोर करने के लिए Integrated circuit (IC, Chips) का उपयोग करती है। आकार में HDD के मुकाबले काफी छोटी होती है।
यह अलग-अलग स्टोरेज क्षमता के साथ आती है। परन्तु इसकी कीमत बहुत अधिक है जिसे आम व्यक्ति के लिए बर्दाश्त करना मुश्किल है। लेकिन अगर आप कम स्टोरेज वाली SSD खरीदते है, तो आपका कंप्यूटर बहुत फास्ट हो जाता है।
Conclusion
इस पोस्ट में आपने जाना Hard Disk क्या है और ये कितने प्रकार की होती है? उम्मीद है, अब तक आप हार्ड डिस्क के बारे में अच्छे से जान चुके होंगे।
अगर आप कंप्यूटर का इस्तेमाल करते है, तो हम आपको सलाह देंगे कि आप उसमे लगी हार्ड डिस्क को कभी न खोले वरना वो खराब हो सकती है।
हमने इस पोस्ट में हार्ड डिस्क के लगभग सभी पहलुवों पर विस्तार से बताया है, लेकिन फिर भी अगर आपके पास कोई सवाल हो, तो कृपया नीचे कमेंट में जरूर बताये। आप चाहे तो, इस पोस्ट को अपने दोस्तों को share कर सकते है धन्यवाद !