DBMS क्या हैं? DBMS के बारें में विस्तार से जानिए?

What is DBMS? Know DBMS in Details in Hindi?

 

 DBMS

DBMS
DBMS (Data Base Management System) एक Software होता हैं, जिसका उपयोग डेटाबेस को बनाने और संभालने के लिए किया जाता हैं। DBMS अपने उपयोगकर्ताओं (Users), और प्रोग्रामरों को एक व्‍यवस्थित तरीके के साथ डाटा को बनाने, संभालने और Update करने की सुविधा प्रधान करता हैं।

हिस्ट्री ऑफ़ DBMS 

इतिहास के पन्नों को पलट के देखें तो DBMS का इस्तेमाल लगभग 60 साल पहले से हो रहा हैं। अब हम निम्र बिंदुओं के सहायता से DBMS के इतिहास को समझने की कोशिश करते हैं। वर्ष 1960 में पहली बार Charles Bach man व्यक्ति ने पहले DBMS सिस्टम को डिजाइन किया। और इसके बाद आगे अनेक वर्षों तक इसका कार्य चलता रहा।
वर्ष 1976 में Peter Chen ने Entry-Relationship Model also know as the ER Model डिफाइन किया वर्ष 1980 तक मार्केट में विभिन्न ऑर्गनाइजेशन रिलेशन मॉडल को स्वीकार कर चुकीं थी और यह महत्वपूर्ण डेटाबेस कंपोनेंट बन चूका था। 1985 में Object-Oriented DBMS को विकसित किया गया।
1990s Relational DBMS में Object-Orientation का निगमन किया गया। वर्ष 1991 में माइक्रोसॉफ्ट ने Ms-Access को लॉन्च किया गया। यह माइक्रोसॉफ्ट का पर्सनल DBMS था। जिसने सभी पर्सनल DBMS प्रोडक्ट को Replace कर दिया। उसके बाद वर्ष 1995 में पहली इंटरनेट डेटाबेस एप्लीकेशन लॉन्च की गई।

DBMS का परिचय 

DBMS के बारे में आपने जरुर सुना होगा इसका पूरा नाम है डेटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम। नाम से पता चल रहा है की यह पुरे डेटाबेस को मैनेज करता है। डाटा को बनाने से लेकर, सँभालने और डिलीट करने तक का सारा काम डेटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम करता है।
यह एक ऐसा Software हैं जो डाटा की Create, Manage, Control, Delete और Update कर सके। DBMS के द्वारा यूजर और प्रोग्रामर दोनों ही अपने डाटा को संभाल सकते है अर्थात दोनों ही डाटा को बना सकते है, मैनेज कर सकते है और अपडेट कर सकते है। इसके अपने बहुत से फायदे है जिसके बारे में आपका जानना बहुत जरुरी है।
Database एक Collection होता है Related Data का हैं वहीँ Data Collection होता है। Facts और Figures का जिन्हें की Process किया जाता है Information पैदा करने के लिए। ज्यादातर Data Represent करते हैं Record able Facts. Data मदद करता है Information Produce करने के लिए जो की Facts के ऊपर आधारित होते हैं।
उदाहरण के लिए, अगर हमारे पास एक कक्षा की Marks हैं तब हम ये Conclude कर सकते हैं की उनमें से Toppers कौन हैं और Average Marks वाले कौन हैं। ये Database Management System Data को कुछ इस प्रकार से Store करता है की जिससे की उससे Data को Retrieve, Manipulate, और Information Produce करना आसान हो जाता है।

 

DBMS क्या हैं?

Database Management System (DBMS) मूल रूप से प्रोग्राम्‍स का एक कलेक्‍शन है जो यूजर्स को उनकी आवश्यकताओं के अनुसार एक डेटाबेस से इनफॉर्मेशन को स्‍टोर, मॉडिफाइ और एक्‍सट्रैक्‍ट करने में सक्षम बनाता है। DBMS, प्रोग्राम्‍स और डेटा के बीच कि एक लेयर है। प्रोग्राम्‍स DBMS को एक्‍सेस करते हैं, जो बाद में डेटा को एक्सेस करते हैं।
छोटे सिस्टम से लेकर विभिन्न प्रकार के DBMS हैं जो कि पर्सनल कंप्यूटरों से मेनफ्रेम जैसे विशाल सिस्टम पर रन होते हैं।जनरल-पर्पज DBMS डेटाबेस की डेफिनेशन, क्रिएशन, क्‍वेरी, अपडेट और एडमिनिस्‍ट्रेशन की अनुमति देता है। प्रसिद्ध DBMS में MySQL, Postgre SQL, Enterprise DB, Mongo DB, Maria DB, Microsoft SQL Server, Oracle, Sybase, SAP Hana, Mem SQL, SQ Lite और IBM DB2 शामिल हैं।
ये सिस्टम, यूजर्स को उनके डेटाबेस को क्रिएट, अपडेट और इनफॉर्मेशन को एक्‍सट्रैक्‍ट करने की अनुमति देते हैं।
एक मैनुअल फाइलिंग सिस्टम की तुलना में, कम्प्यूटरीकृत डेटाबेस सिस्टम का सबसे बड़ा लाभ स्‍पीड, एक्‍युरेसी और ‘एक्‍सेस’ है।लगभग सभी ई-कॉमर्स साइट, उनके प्रॉडक्‍ट कि इन्वेंट्री और कस्‍टमर्स इनफॉर्मेशन को स्टोर करने के लिए डेटाबेस का उपयोग करते है।
ये साइटें Database Management System (DBMS) का उपयोग करती हैं, जैसे कि Microsoft Access, File Maker Pro, या MySQL को वेबसाइट पर “बैक एंड” के रूप में इस्‍तेमाल करती हैं।डाटाबेस में वेबसाइट के डेटा को स्टोर करने से, डेटा को आसानी से सर्च किया जा सकता है, सॉर्ट किया जा सकता है, और अपडेट किया जा सकता है। यह लचीलापन ई-कॉमर्स साइटों और अन्य प्रकार की डायनामिक वेबसाइटों के लिए महत्वपूर्ण है। प्रारंभिक डेटाबेस अपेक्षाकृत “फ्लैट” थे, जिसका अर्थ है कि वे सिंपल रो और कॉलम तक ही सीमित थे, जैसे कि एक स्प्रैडशीट।
हालांकि, आज के रिलेशन डेटाबेस, यूजर्स को विभिन्न टेबल में स्‍टोर डेटा के संबंध के आधार पर इनफॉर्मेशन का उपयोग, अपडेट और सर्च करने की अनुमति देते हैं।रिलेशनल डेटाबेस क्वेरी रन सकते हैं, जिनमें कई डेटाबेस शामिल हो सकते हैं। हालांकि प्रारंभिक डाटा केवल टेक्‍स्‍ट या न्यूमेरिक डेटा स्‍टोर कर सकते थे, आधुनिक डेटाबेस में यूजर्स अन्य डेटा टाइप जैसे साउंड क्लिप, पिक्‍चर, और वीडियो को स्टोर कर सकते हैं।
DBMS संभवत: डेटा के सेंट्रलाइज्ड व्‍यू प्रदान करने के लिए सबसे उपयोगी होता है जिसे मल्‍टीपल यूजर्स द्वारा, मल्‍टीपल लोकेशन से एक्‍सेस किया जाता है। DBMS, एंड यूजर्स कौनसे डेटा को देख सकता हैं, साथ ही साथ वह कैसे देख सकता हैं ऐसी कई बातों को सीमित कर सकता हैं। एंड यूजर और सॉफ़्टवेयर प्रोग्राम यह समझने के लिए फ्री हैं कि डेटा फिजिकली कहां पर लोकेटेड है या किस प्रकार के स्‍टोरेज मीडिया पर स्‍टोर है, क्योंकि DBMS सभी रिक्‍वेस्‍ट को हैंडल करता है।
DBMS लॉजिकल और फिजिकल दोनों डेटा इंडिपेंडेंस को हैंडल कर सकता है। इसका मतलब यह है कि यह यूजर्स और एप्लिकेशन को यह जानने से रोकता हैं कि डेटा कहां डेटा स्‍टोर है या डेटा के फिजिक स्ट्रक्चर (स्‍टोरेज और हार्डवेयर) में परिवर्तन के बारे में चिंतित होने से भी रोकता है। जब तक प्रोग्राम DBMS द्वारा प्रोवाइड किए गए डेटाबेस के लिए Application Programming Interface (API) का उपयोग करते हैं, तब तक डेवलपर्स को प्रोग्राम को मॉडिफाइ नहीं करना पड़ेगा क्योंकि डेटाबेस में चेंजेस किए गए हैं।
Database,एक संबंधित डेटा का कलेक्‍शन है जिसे इस तरह से ऑर्गेनाइज किया जाता हैं कि उसे आसानी से एक्सेस, मैनेज और अपडेट किया जा सकता है।अधिकांश डेटाबेस में कई टेबल होते हैं, जिनमें से प्रत्येक में कई अलग-अलग फ़ील्ड शामिल हो सकते हैं। उदाहरण के लिए, किसी कंपनी के डेटाबेस में प्रॉडक्‍ट, एम्‍प्‍लॉइज, और फाइनेंशियल रिकॉर्ड के लिए टेबल शामिल हो सकते हैं।
इनमें से प्रत्येक टेबल में अलग-अलग फ़ील्ड होते हैं, जो टेबल में स्‍टोर इनफॉर्मेशन से संबंधित होती हैं।इनफॉर्मेशन का कोई भी हिस्सा एक डेटा हो सकता है। उदाहरण के लिए आपके स्कूल या कॉलेज का डेटाबेस। डाटाबेस वास्तव में एक ऐसा स्थान है जहां संबंधित जानकारी स्‍टोर होती है और उस पर विभिन्न ऑपरेशन भी कीए जा सकते हैं।

DBMS के प्रकार 

Database Management Systems के चार स्ट्रक्चर टाइप हैं;-
1) Hierarchical Databases:- Hierarchical Database Management Systems पैरेंटस्-चाइल्‍ड की तरह मॉडल पर काम करते हैं। यह बहुत फास्‍ट और सरल है। Hierarchical Database में, ट्री स्ट्रक्चर कि तरह पैरेंटस्/चाइल्‍ड रिलेशनशिप के ग्रुप कि इनफॉर्मेशन के रिकॉर्डस् होती हैं। स्ट्रक्चर का अर्थ है कि एक रिकॉर्ड में एक दोहराई जाने वाली इनफॉर्मेशन भी हो सकती है।
इस संरचना में, स्ट्रक्चर्ड डेटा रिकॉर्डस् कि एक सिरिज को फॉलो करता हैं, यह फ़ील्ड वैल्यू का एक सेट है जो उससे अटैच होता हैं। यह रिकॉर्ड टाइप के रूप में सभी रिकॉर्ड एकत्र करता है। ये रिकॉर्ड टाइप रिलेशनल मॉडल में टेबल के बराबर हैं, और अलग-अलग रिकॉर्ड्स रो के बराबर होते हैं। इन रिकॉर्ड प्रकारों के बीच लिंक बनाने के लिए, hierarchical मॉडल इन प्रकार के Relationships का उपयोग करता है।
ये सामान्य रूप से एक से अनेक त‍क कि रिलेशनशिप होती हैं और यह आइटम डिस्‍क्राइबिंग ऐट्रिब्यूट्स, फीचर जैसे डेटा को स्‍टोर करने के लिए अच्‍छा हैं।उनका उपयोग गानों, व्यंजनों, फोन के मॉडल और किसी भी चीज के डेटाबेस को स्टोर करने के लिए भी किया जा सकता है जो नेस्टेड फॉर्मेट में स्‍टोर किया जा सकता है।
Hierarchical Databases
2) Network Database:- Network Database Management System हाइराक्रिकल डाटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम के समान एक डेटा मॉडल का उपयोग करती है। यहां मुख्य अंतर यह है कि नेटवर्क मॉडलों में ट्री स्ट्रक्चर में कई चाइल्‍ड रिलेशनल मॉडल के लिए कई पैरेंटस् हो सकते हैं।
Network model structure रिकॉर्ड और सेटस् पर आधारित होता है और इनमें से अधिकांश डेटाबेस SQL को मैनीपुलेशन के लिए उपयोग करते हैं।नेटवर्क डाटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम बहुत फ्लेक्सिबल हैं लेकिन 1960 और 1970 के दशक में इसे शायद ही कभी इस्‍तेमाल किया जाता था।
इस मॉडल में किसी आइटम को सर्च करने के लिए पूरे डेटा सेट को पार करने के लिए प्रोग्राम की आवश्यकता होती है जो कि काफी भारी होता है। इन्हें मुख्य रूप से आज के आधुनिक कंप्यूटिंग में रिलेशनल डाटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम द्वारा बदल दिया गया है।
Network Database
3) Object-Oriented Database:- Object-Oriented Database Management Systems ऑब्जेक्ट ओरिएंटेड प्रोग्रामिंग के मॉडल से मिसाल के तौर पर उधार लिया हैं।ऑब्जेक्ट ओरिएंटेड डेटाबेस मॉडल में विविध स्ट्रक्चर्स होते हैं और यह काफी एक्स्टेंसिबल है।
यह डेटा मॉडल बिल्‍ट-इन ऑब्जेक्ट-ओरिएंटेड प्रोग्रामिंग लैग्‍वेज के प्रोग्राम्‍स के साथ मिलकर काम करने के लिए डिज़ाइन किया गया था। इस मॉडल के साथ, डेटा को नेटिव कोड के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं। इस डेटाबेस का मॉडल थोड़ा कमर्शियल इम्प्लीमेंटेशन है क्योंकि यह अभी भी डेवलप हो रहा है।
Object-Oriented Database
4) Relational Databases:- Relational Database Management Systems आज का सबसे व्यापक रूप से उपयोग किया जाने वाला डेटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम है।वे प्रयोग करने में अपेक्षाकृत आसान हैं। रिलेशनल डाटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम को यह नाम डेटा को नॉर्मलाइज़ करने की विशेषता के कारण दिया गया जो आम तौर पर टेबल में स्‍टोर होता है।
डेटा एक ही टेबल या अन्य टेबल्‍स में अन्य डेटा से रिलेटेड हो सकता है, जिसे एक या अधिक टेबल्‍स को जॉइन कर ठिक से मैनेज किया जाता हैं।
रिलेशन मॉडल अन्य मॉडलों की तुलना में कुछ कम कुशल हो सकते हैं; हालांकि, इससे मॉडर्न कंप्यूटरों में प्रोसेसिंग पॉवर और मेमोरी के साथ कोई समस्या नहीं हो सकती।
इस प्रकार के मॉडल में डेटा तय पूर्वनिर्धारित स्ट्रक्चर में स्‍टोर होता है और आमतौर पर Structured Query Language (SQL) का उपयोग करके मनिपूलेट किया जाता है। रिलेशनल डाटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम में Oracle, Ms SQLServer, IBM DB2, MySQL, SQLite और PostgreSQL अन्‍य के साथ शामिल हैं।
Relational Databases

DBMS का क्या कार्य है?

Data Redundancy:- फाइल सिस्टम में हर एक एप्लीकेशन की अपनी निजी फाइल्स होती है और ऐसी स्थिति में कई स्थानों पर एक ही डाटा की डुप्लीकेट फाइल्स बन जाती है. DBMS में एक स्थान पर एक ही तरह की फाइल्स को रखा जाता है अर्थात इसे दोहराया नहीं जाता जिससे डाटा की Redundancy कम होती है।
Sharing Of Data:- DBMS में संगठन के अधिकृत यूजर (Authorized User) के द्वारा डाटा शेयर किया जाता है. इसमें डाटा एडमिनिस्ट्रेटर डाटा को नियंत्रित करता है और डाटा को एक्सेस करने के लिए उपयोगकर्ता को अधिकार देता है।
Data Consistency:- DBMS के द्वारा डेटाबेस में एक ही प्रकार के डाटा को बार-बार जमा होने से रोका जा सकता है।
Integration Of Data:- DBMS में सारा डाटा टेबल में होता है और एक डेटाबेस में एक से अधिक टेबल होती है. इन सभी टेबल्स के बीच में संबध बनाए जा सकते है जिससे डाटा को वापिस प्राप्त करना और अपडेट करना आसान हो जाता है।
Data Security:- DBMS में डाटा को पूरी तरह से डाटा एडमिनिस्ट्रेटर के द्वारा कण्ट्रोल किया जाता है. इसमें एडमिनिस्ट्रेटर ही यह सुनिश्चित करता है की किस यूजर को डाटा देना है और कितना डाटा देना है. यूजर को डेटाबेस के किस हिस्से पर एक्सेस देना है और किस हिस्से पर नहीं यह सब डेटाबेस एडमिनिस्ट्रेटर ही कण्ट्रोल करता है. इससे डेटाबेस की सिक्योरिटी बढ़ जाती है और डाटा ग़लत हाथों में नहीं जाता है।
Remove Procedures:- आप सब जानते है की Computer एक तरह की मशीन है और इसमें कभी भी खराबी आ सकती है और कभी भी Hardware या Software फैलियर हो सकता है ऐसे में डाटा नष्ट हो सकता है. DBMS के द्वारा आप ऐसी कंडीशन में डाटा को आसानी से रिकवर कर सकते है।

DBMS की विशेषताएँ 

DBMS की कुछ विशेषताएँ निम्‍नलिखित हैं :-
  1. DBMS की सबसे बड़ी विशेषता यह हैं कि इसमें डेटा रिडंडंसी को Control किया जा सकता है।
  2. DBMS में डेटा को Share कर सकते हैं।
  3. DBMS में सुरक्षा का पूरा ख्‍याल रखा जाता है।
  4. DBMS में प्रोसेसिंग की गति अच्‍छी है।
  5. DBMS की एक और विशेषता यह है कि इसमें डेटा Independent होता है।

डेटाबेस मैनेजमेंट के मुख्‍य घटक 

Tables:- यह रिलेशनल डेटाबेस मॉडल के संबंध में है। जहाँ सभी डेटा को टेबल्‍स के रूप में संग्रहित किया गया है। विभिन्‍न प्रकार के संचालन टेबल्‍स पर किये जाते हैं, जैसे:- डेटा संग्रह, फिल्‍टर करना, पुन: प्राप्‍त करना और संपादन करना। टेबल्‍स रिकॉर्ड (Row) और फील्‍ड (Column) के कटाव से बने सेल से मिलकर बनते हैं। यही सेल टेबल्‍स में डेटा को संग्रहित करने के लिए उपयोग की जाती है।
Field:- टेबल के प्रत्‍येक Column को फील्‍ड कहते हैं यह डेटा के विशिष्‍ट भाग के लिए आरक्षित एक क्षेत्र होता है। जैसे ग्राहक संख्‍या ग्राहक का नाम, सड़क का पता, शहर, राज्‍य, फोन नं., वर्तमान पता आदि।
Record:- टेबल्‍स के Record को पंक्ति (Row) या टपल (Tuple) के रूप में भी जाना जाता है और दूसरे शब्‍दों में रिकॉर्ड एक एन्‍ट्री जैसे कि एक व्‍यक्ति, कंपनी संक्रमण आदि से संबंधित सभी क्षेत्रों की डेटा वस्‍तुओं का संग्रह है।
Queries:- किसी टेबल या डेटाबेस से जरूरत के अनुसार डेटा निकालने की अनुमति दी जाती है, उसे क्‍वेरी कहते हैं। किसी क्‍वेरी के उत्‍तर में जो रिकॉर्ड डाटाबेस से निकाला जाता है उसे उस क्‍वेरी का डायनासेट कहते हैं। जैसे कि अगर आप अपने शहर में रहने वाले दोस्‍तों की सूची निकालना चाहते हैं तो इसे एक क्‍वेरी कहेगें।
Forms:- यद्यपि आप टेबल्‍स में डेटा दर्ज और संशोधित कर सकते, लेकिन टेबल्‍स में डेटा का भंडारण करना तथा संशोधन करना आसान नहीं होता है। इस समस्‍या को दूर करने के लिए, फॉर्म्‍स प्रस्‍तुत किए जाते हैं। टेबल्‍स की तरह फार्म में डेटा दर्ज करना पसंद करते हैं।
Reports:- आसान शब्‍दों में, जब आप डेटाबेस से लाए गये रिकॉर्ड को कागज पर प्रिन्‍ट करना चाहते हैं तो उसे रिपोर्ट कहते हैं।

DBMS का उपयोग 

  1. बैंकिंग
  2. रेलवे रिजर्वेशन सिस्टम
  3. एयरलाइंस
  4. लाइबेरी मैनेजमेन्ट सिस्टम
  5. स्कूल, कॉलेज, यूनिवर्सिटी
  6. सोशल मिडिया साइड्स
  7. टेलीकम्यूनिकेशन
  8. ऑनलाइन शॉपिंग
  9. मिलिट्री
  10. एच आर मैनेजमेन्ट
  11. मैनुफैचरिंग

DBMS Software कौन-कौन से हैं?

  1. MySQL
  2. SQLite
  3. Microsoft SQL Server
  4. Oracle
  5. Microsoft Access
  6. dB A SE
  7. IBM DB 2
  8. PostgreSQL
  9. Fox pro
  10. MariaDB
  11. No SQL इत्यादि।

R-DBMS क्या हैं?

R-DBMS एक डेटाबेस मैनेजमेंट सिस्‍टम होता है जो कि रिलेशनल मॉडल पर बेस्‍ड होता है। R-DBMS एक ऐसा डेटाबेस होता है जो कि डेटा को स्‍ट्रक्‍चरड फार्मेट में स्‍टोर करता है। ऐसा करने से डेटाबेस में स्‍टोर किसी भी वैल्‍यू को लोकेट एंड सर्च करना बहुत आसान हो जाता है। इसको “Relational” कहा जाता है क्‍योंकि जो भी वैल्‍यूज और डाटा, डाटाबेस की किसी टेबल में स्‍टोर होता है वह सब आपस में एक दूसरे से रिलेटेड होता है। एक टेबल का डाटा तो आपस में रिलेटेड होता ही है बल्कि डेटाबेस की बहुत सारी टेबल्‍स भी आपस में एक दूसरे से Related हो सकती हैं। R-DBMS का यह रिलेशनल स्‍ट्रक्‍चर बहुत सारी टेबल पर एक साथ Queries रन करना Possible करता हैं। R-DBMS को DBMSes का सबसेट भी कहते हैं।

DBMS के फायदे

Minimize Data Redundancy:- File Based System में प्रत्‍येक एप्लिकेशन प्रोग्राम की अपनी निजी फाइल होती हैं इस स्थिति में, कई स्‍थानों पर एक ही डेटा की डुप्लिकेट file बनाई जाती हैं। DBMS में, एक संगठन के सभी डेटा की एक डेटाबेस फाइल में एकीकृत किया जाता हैं, मतलब कि डेटा डाटाबेस में केवल एक स्‍थान पर दर्ज किया जाता हैं और इसे दोहराया नहीं जाता हैं।
Data Sharing:- DBMS में Organization के Authorized User द्वारा डेटा साझा किया जा सकता हैं। डाटाबेस Administrator डेटा को नियंत्रित करता हैं और डेटा को Access करने के लिए उपयोगकर्ताओं को अधिकार देता हैं। कई उपयोगकर्ताओं को एक साथ जानकारी के समान टुकड़े तक पहुँचने का अधिकार दिया जा सकता हैं। Remote User भी समान डेटा साझा कर सकते हैं।
Data Stability:- Data Redundancy को नियंत्रित करके डाटा स्थिरता प्राप्‍त की जाती हैं। मतलब कि डाटाबेस में एक ही प्रकार के डेटा को बार-बार इन्‍हें जमा होने से रोका जाता हैं।
Data Integration:- DBMS में डेटाबेस में डेटा टेबल्‍स में संग्रहित होता हैं। एक डेटाबेस में एक से अधिक टेबल्‍स हो सकते हैं और टेबल्‍स के बीच संबंध बनाए जा सकते हैं। इससे डेटा को पुन: प्राप्‍त करना और अपडेट करना आसान हो जाता हैं।
Data Security:- DBMS में डाटा को पूरी तरह से Database Administrator द्वारा नियंत्रित किया जाता है और डाटाबेस Administrator ही यह सुनिश्चित करता है कि किस User को कितना Database के कितने हिस्‍से पर Access देना है या नहीं।
Recovery Procedures:- कम्‍प्‍यूटर एक मशीन है इसलिए संभव है कि कभी भी कम्‍प्‍यूटर में कोई Hardware या Software संबंधित समस्‍या उत्‍पन्‍न हो जाए। ऐसे में यह बहुत जरूरी है कि किसी समस्‍या कम्‍प्‍यूटर में किसी प्रकार की समस्‍या उत्‍पन्‍न होने पर उसमें रखें डेटाबेस को हम Recover कर पाएँ। DBMS में यह काम बड़ी आसानी से किया जा सकता है।

DBMS के हानियाँ 

Cost of Implementing:- Database System को Implement करने में लागत ज्‍यादा आ सकती है जिसमें कॉफी रूपये खर्च हो सकते हैं।
Effort To Transfer Data:- मौजूदा System से Database में Data को Transfer करने के लिए कॉफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है और इसमें बहुत अधिक समय भी लग सकता है।
Risk of Database Fail:- अगर Database विफल हो जाता है भले ही अपेक्षाकृत कम अवधि के लिए तो संपूर्ण कंपनी पर भी असर पड़ेगा और कंपनी को कई प्रकार के नुकसान उठाने पड़ेंगे।

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