Mobile क्या है? इसके फायदें और नुक़्सान क्या है? Mobile in Hindi

आप सभी जानते हैं की अगर आपसे आपका Mobile फ़ोन ले लिया जायें और कहे कि आपको कुछ महीने या साल तक आपको बिना Mobile फ़ोन के ही रहना हैं, तो फ़िर आपका Reaction क्या होगा? हाँ जी हाँ आप यहीं कहेंगे की मोबाइल के बिना आप बिल्कुल भी नहीं रह सकते हैं।

यही हाल सबका हैं। सभी के लिए जिंदगी का एक बहुत जरुरी हिस्सा बन चूका हैं। एक ज़माना हुआ करता था। जब हमें आपनी बात दूसरी जगह पहुंचाने होत थे तो एक सफ़ेद कबूतर के पैरों में चिट्ठी लिख कर भेज दिया करते थे। उसके बाद जैसें-जैसे जमाना बढ़ता चला गया तो ये काम डाकिया करने लगे।

What is Mobile and History of Mobile in Hindi
What is Mobile and History of Mobile in Hindi

लेकिन फ़िर भी हमारा संदेश जाने में काफ़ी वक्त लगा करता था। लेकिन कुछ साल पीछे की ही बात करें तो उस वक्त भी टेलीफोन ही आया था, जो कुछ ही लोगों के पास ही था, वो भी  वायरलेस नही थे।

लेक़िन टेलीफोन के बाद जैसें ही मोबाइल का अविष्कार हुआ और ये लोगों के हाथों में आया वैसें ही सब-कुछ बिलकुल बदल गया हैं। अब लोगों को एक जगह से ही टेलीफोन से घंटों भर चिपक कर बात करने की ज़रूरत ही ख़त्म हो गये।

लोग कहीं भी बैठकर, लेटकर, चलते हुये बातें कर सकते हैं। यहां तक की मोबाइल फोन अब स्मार्टफ़ोन में तब्दील हो चुके हैं। इंसान की जीने का तरीका ही बदल चूका हैं। शुरू में तो कई बार ऐसा होता था।

की लोग सोचते थे की ये अकेला आदमी अकेला खुद से बातें कर रहा हे क्या। लेकिन ये एक चमत्कार से भी कम नही था। तो चलिये थोड़ा और विस्तार से जानते हैं की Mobile क्या हैं?

Mobile क्या हैं?

एक Mobile फ़ोन ऐसा Wireless Handheld डिवाइस हैं, जो यूजर को दूसरों को Call लगाने और आये हुये Call को रिसीव करने की सुविधा प्रदान करते हैं। इसके साथ ही Text Message (संदेश) भेजने की फैसिलिटी भी देता हैं।

पुराने Mobile फ़ोन में बस Call करने और और रिसीव करने की ही सुविधा होते थे, लेक़िन आज Mobile फ़ोन में Web Browser, Video Music Player, Camera, Games जैसें अनगिनत फ़ीचर्स दिये जाते हैं। Mobile को हम बहुत सारे नामों से भी जानते हैं जैसे कि Cell phone, Handset Cellular phone, Wireless phone.

Mobile में बस 10 डिजिट का नम्बर Dial करके आप किसी से भी, कही भी और कभी भी वर्तमान समय में बात कर लेते हैं। चाहे वे कितनी ही दूरी पर क्यों ना हो। ये आपकी आवाज़ को कुछ ही सेकण्ड्स में बहुत तेज़ गति से एक जगह से दूसरी जगह तक ट्रांसफर कर देता हैं।

और आप अगर एक-दूसरे की बातों को सुन सकते हैं, तो अभी से सिर्फ 15 साल पहले की बात करें तो उस वक़्त कुछ ही लोगों के पास Mobile हुआ करते थे।

और वो भी बिल्कुल Basic मोबाइल हुआ करते थे। जैसें कि Samsung का Antenna लगा हुआ फ़ोन और Nokia का 1100 उस वक़्त यहीं फ़ोन मार्केट में चलते रहते थे।

जब पहला Mobile फ़ोन आये थे। उनका काम वस इतना था कि Call करने और Call रिसीव करने के ही काम आते थे। लेक़िन उनकी Size इतने बड़े हुआ करते थे की उसे पॉकेट में लेकर घूमना ना-मुमकिन ही लग रहे थे।

इसके कुछ समय बाद ही जिस मोबाइल फ़ोन में Global System for Mobile Communication (GSM) पाये जाते थे। उससे Text Message भी भेजने के लिए इस्तेमाल होने लगा। जैसें-जैसे वक़्त गुज़रता चला गया इनकी Size वैसे-वैसें कम होते चले गये और उनकी फ़ीचर्स भी बढ़ते चले गये।

जैसें की इसमें एक फ़ीचर्स उस समय काफ़ी फेमस हुआ था। शायद अपने भी सुने होंगे MMS के बारे में। जिसका उपयोग कर फोटो भेजने के लिए किये जाने लगा। इस तरह के मोबाइल कैमरा के साथ आते थे। इस तरह के मोबाइल जिसके पास होते वो Same to Same मोबाइल में फोटो भेज सकते थे।

वैसें मोबाइल फ़ोन जिनमें कम्प्यूटर से मिलते-जुलते फ़ीचर्स होते हैं। उसे ही आप आज Smartphone के नाम से जाने जाते हैं। Generally उपयोग होने वाले फ़ोन को आप फ़ीचर्स फ़ोन बोलते हैं।

Mobile का अविष्कार

दुनिया मे सबसे पहला Mobile फ़ोन 1973 में Motorola Company के इंजीनियर John F. Mitchell और Martin Cooper द्वारा लॉन्च किये गये थे। तब इसका वजन लगभग 2 Kg हुआ करते थे और इस फ़ोन की कीमत 2 लाख रुपये था।

इसके पश्चात् 1983 में मोटोरोला का ही Dynatac 8000X Model का निर्माण किया गया। जिसकी बैटरी को एक बार चार्ज करने के बाद करीब 35 मिनट तक बात की जा सकते थे। उनके इस आविष्कार से संचार क्षेत्र में एक नयी क्रांति आ गई। जो आज के समय मे लोगों के लिए ये एक वरदान हैं।

विश्व में सर्वप्रथम Automated Cellular Network जापान में  सन 1979 में शुरू करवाये गये थे। यहां एक First Generation (1G) System था। जिसकी हेल्प से एक ही बार में कई लोगों को आपस में Call कर सकते थे।

इसके बाद 1991 में 2G टेक्नोलॉजी की शुरुआत के फ़िनलैंड (Finland) में Radiolinja द्वारा शुरू की गयी और 1997 में सर्वप्रथम Camera वाले Mobile फ़ोन की शुरुआत हुई।

2G Mobile फ़ोन आने के बाद से पूरे दुनियाँ में 10 वर्षों बाद सन 2001 में 3G Mobile फ़ोन का आगमन हुआ जो जापान की कंपनी NTT Docomo द्वारा शुरू किया गया था। आजकल तो 4G और 5G Mobile फ़ोन का ज़माना चल रहा हैं।

इन सभी के अलावा Mobile फ़ोन के बारें में एक रोचक तथ्य ये भी हैं कि 1983 से 2014 तक दुनियाभर में लगभग 700 करोड़ Mobile फ़ोन का उपयोग किया गया था तथा तब के ज़माने में सबसे ज्यादा बिकने वाला Mobile फ़ोन Nokia 1100 था जो आज पूरी तरह से विलुप्त हो चुके हैं।

1926 – पहली Mobile फ़ोन की सेवा Berlin और Hamburg के बीच यात्रा करने वाले पैसेंजर को सफलतापूर्वक दिए गए थे।

1946 – Chicago में कार रेडियोटेलिफोन में पहली बार फ़ोन किये थे।

1956 – स्वीडन में प्राइवेट वाहनों में ऑटोमेटेड Mobile फ़ोन सिस्टम लगाये  गये थे। इसमें कुल 125 उपयोगकर्ता थे।

1669 – Nordic मोबाइल टेलिफोन ग्रुप नामक कंपनी की स्थापना की गई।

1973 – Motorola कंपनी के जनरल मैनेजर Martin Cooper ने किसी भी डिवाइस में पहली बार पब्लिक Mobile फ़ोन कॉल किये थे। जिसका वजन 1 .1 kg था।

1987 – डिजिटल टेक्नोलॉजी के आधारं पर GSM स्टैण्डर्ड के लिए टेक्निकल स्पेसिफिकेशन को प्रमाणित किया गया था।

1992 – United kingdom में पहली बार SMS मैसेज भेज कर इसकी शुरुआत किये थे।

1999 – Mobile फ़ोन में Emoji का अविष्कार किये गये थे। इसका अविष्कारक जापान के Shigetaka Kurita के द्वारा किये गया हैं।

2003 – दुनिया भर ने सबसे पहला 3G नेटवर्क कनेक्शन अपनाया गया। और सबसे पहले दक्षिण एशिया में नेपाल ने 3G नेटवर्क कनेक्शन अपनाया गया था। Mount Everest को इन्होंने 3G नेटवर्क को पूरी तरह से कवर किये गये थे।

2007 – और इसी साल iPhone का फर्स्ट मॉडल लांच किये गये थे।

2008 – T – Mobile फ़ोन G1 के रूप में पहला Android फोन लांच किये गये थे।

2009 – O2 लोगों के सामने Announce किये कि उन्होने सफलतापूर्वक 4G कनेक्शन का प्रयोग LTE के ऊपर किया था।

2010 – Samsung ने पहला Galaxy S स्मार्टफ़ोन सफलतापूर्वक लांच किये गये थे।

2017 – Nokia 3310 के पुराने वर्शन को फ़िर से डेवेलोप करके उनको नया करके लाया गया था। जिसमें Camera, Web Browser, Color Screen के फ़ीचर्स भी दिये  गये हैं।

Mobile फ़ोन कैसे काम करते हैं?

एक अनुमान के अनुसार 2025 तक करीब 7.49 billion मोबाइल User हो जायेंगे। आज हर कोई Mobile फ़ोन की अहमियत समझते हैं। ये आप दुनिया के किसी भी कोने में किसी भी इंसान से बात कर सकते हैं। लेक़िन क्या अपने ये जानने की कोशिश की हैं आपका Cell Phone काम कैसे करते हैं।

आसान शब्दों में कहे तो Mobile फ़ोन एक Two-Way-Radio हैं। जिसमें एक ट्रांसमिटर और दूसरा रिसीवर रेडियो होते हैं। जब आप अपने दोस्त के साथ बात कर रहे होते हैं, तो ये आपकी आवाज़ को Electrical सिग्नल में कन्वर्ट कर देता हैं।

जिसके बाद इसे Radio वेव्स के रूप में नज़दीकी सेल टॉवर तक ट्रांसमिट कर दिया जाता हैं। अब उस सेल टॉवर का Network आपके दोस्तों के Cell फ़ोन तक Radio वेव्स को भेज दिया जाता हैं। Electrical सिग्नल में कन्वर्ट करके Sound में बदल दिये जाते हैं।

Wireless Mobile Network Communication
Wireless Mobile Network Communication

Mobile फ़ोन Walkie-Talkie पर ही आधारित होते हैं। लेक़िन ये उससे विकसित होता हैं। जिसमें मुख्य काम तो ये है कि Call करना और Receive करने का होता हैं। लेक़िन इसके अलावा इसमें अलग से इंटरनेट, मल्टीमीडिया और कैमरा भी पाए जाते हैं।

Mobile फ़ोन तो अब और ज्यादा Develop होते जा रहे हैं की जो काम आज कंप्यूटर के जरिये किये जाते हैं। वो लगभग सारे काम आजकल एक Smartphone भी कर लेते हैं। बस कुछ कामों को छोड़ दे तो.

चलिये थोड़ा जान लेते हैं की ये Mobile फ़ोन कैसे काम करते हैं:

Radio Waves

Mobile फ़ोन कम्युनिकशन करने के लिए रेडियो वेव्स का उपयोग करते हैं। आप जो भी बात करते होंगे उन आवाज़ों को रेडियो वेव्स इलेक्ट्रिक और मैग्नेटिक फ़ील्ड के रूप में ट्रांसमिट करते हैं। जिसे आप Electromagnetic Field कहते हैं।

रेडियो वेव्स सारे डाटा को लेकर लाइट की स्पीड के साथ चलता हैं। Mobile से जो रेडियो वेव्स निकलते हैं। वो हर डायरेक्शन में फैलता हैं। और टॉवर तक पहुँचते-पहुँचते बीच में जो भी चीज़ें मिलते हैं। वो भी रेडियो वेव्स को एब्सॉर्ब या रिफ्लेक्ट कर देते हैं।

चलिये इसे एक उदाहरण के जरिए समझ लेते हैं। जब आप मोबाइल को आपने कान में लगाकर बात कर रहे होते हैं तो लगातार रेडियो वेव्स emf वहां पर फैलते रहते हैं। आधे रेडियो वेव्स हमारे शरीर और सर के अंदर भी चले जाते हैं।

इस तरह अधिकतर emf बेकार में ही बर्बाद हो जाता हैं। कुछ Mobile फ़ोन में सिर्फ एक ही Antenna होते हैं। जो ट्रांसमिट और रिसीव करने के दोनों काम अकेले ही  करते हैं और कुछ Mobile फ़ोन में त्रिसके लिए अलग-अलग Antenna लगे हुये होते हैं।

Connectivity

Mobile फ़ोन ऐसा डिवाइस हैं जो 2 Way वायरलेस कम्युनिकेशन डिवाइस होता हैं। यानि कोई भी सिग्नल रिसीव कर सकता हैं और भेजता भी सकता हैं। टॉवर जितना सिग्नल की मात्रा को रिसीव करते हैं।

उसे ही सिग्नल स्ट्रेंथ कहा जाता हैं। आप अपने फोन में ये स्ट्रेंथ बहुत अच्छे से जानते हैं। और कभी-कभी इस तरह से बोलते भी हैं की मेरे मोबाइल में फुल टॉवर हैं या सिर्फ़ एक ही टॉवर हैं। सिग्नल की ताकत दूरी होने पर कम हो जाता हैं।

कम सिग्नल होने से आप ये ज़रूर देखेंगे की आपके फ़ोन की बैटरी बहुत जल्दी ही ख़त्म हो जाते हैं। ऐसा इसलिये होता हैं क्यूंकि आपका मोबाइल फ़ोन कमजोर सिग्नल की वजह से ज़्यादा म्हणत करता हैं।

टॉवर तक सिग्नल भेजने के लिये  यही वज़ह हैं की एक अच्छा नेटवर्क होने से आपकी बात भी अच्छी होते है और बैटरी भी लम्बे समय चलते रहते हैं।

Antenna

हर एक सेल फोन में एक एंटिना ज़रूर होता हैं। जो रेडियो सिग्नल को रिसीव और ट्रांसमिट करते हैं। एंटिना ही इलेक्ट्रिकल सिग्नल को रेडियो वेव में कन्वर्ट करता हैं और साथ ही रेडियो वेव को इलेक्ट्रिकल सिग्नल के रूप में बदल देता हैं।

Mobile का इतिहास

अगर बात किया जाये की आखिर Mobile फ़ोन की कल्पना कब की गई तो जवाब होंगे की जब रेडियो इंजीनियर अपने शुरूआती दौर में था। तभी से इनके आने की नींव रख दिए गए थे।

आप में से ज़्यादातर लोगो को लगता हैं कि आप Mobile फ़ोन के बिना एक पल भी नहीं रह सकते हैं।  क्या आप भी उन में से एक हैं जो मोबाइल के बिना एक पल नहीं गुजार सकते? और इसे फैलने में बहुत कम समय लगा और अब ये हर किसी के हाथ में पाये जाते हैं।

भले ही एक आम आदमी को Mobile फ़ोन अभी हाल ही में मिला हो, लेक़िन इसकी शुरुआत उस वक़्त हुई थी जब 1908 में अमेरिका के Kentucky में Wireless Mobile के लिए पेटेंट लागू किये  गये थे।

1940 दशक के शुरुआत में ही Mobile फ़ोन का अविष्कार किया गया। AT&T के इंजीनियर ने मोबाइल स्टेशन के लिए मोबाइल फ़ोन बनाये थे। दुनिया का जो पहला Mobile फ़ोन था। वो अगर देखा जाये तो वो एक Mobile फ़ोन के जैसा नहीं थे बल्कि एक 2 -Way रेडियो था जैसे कि Walkie Talkie.

Motorola दुनिया की एक ऐसी पहली कंपनी थी। जिसने 3 April 1973 को Mobile फ़ोन का मास प्रॉडक्शन (Mass Production) किया था। उस वक़्त के मोबाइल को 0G फ़ोन की केटेगरी में रखा जाता था। जिसे Zero Technology भी बोला जाता हैं।

आजकल तो 4G और 5G मोबाइल का ज़मान चल रहा हैं। आज आप जो Mobile फ़ोन का आज इस्तेमाल कर रहे हैं। वो शुरुआती रूप में कुछ और ही थे। ये जब तक पहुंचा तब तक बीच में  बहुत सारे बदलाव किये जा चुके थे।

Mobile के फायदें

दोस्तों Mobile फ़ोन के आने से आपकी ज़िंदगी काफ़ी आसान हो चुका हैं। ये जैसें आपके शरीर का ही एक हिस्सा बन गया हैं। जिसके बिना आप कुछ काम नहीं कर सकता हैं। चलिये  जानते हैं कि Mobile फ़ोन से आपका क्या फ़ायदा हो सकता हैं:-

  • Mobile फ़ोन की वज़ह से आप आपने सगे संबंधियों से कभी भी और कहीं भी बात कर सकते हैं। ऐसा भी नहीं हैं कि इसके लिये कोई भी खास वक़्त Fix किया गया हैं।
  • ऐसा नहीं हैं बल्कि आप दिनभर में कभी भी और किसी से भी 24*7 फोन कर सकते हैं। पहले Mobile फ़ोन को बड़े होने की वज़ह से घर में ही रखा जाता था। लेक़िन अब इनकी साइज़ इतनी छोटी हैं कि सभी कोई अब पॉकेट में रख सकते हैं।
  • ज़रूरत के अनुसार आप Mobile फ़ोन में ही अनगिनत एप्प्स का उपयोग कर सकते हैं। चाहे वो एप्प टिकट बुकिंग से जुड़ा हैं। Bank से जुडे हो या फ़िर कोई भी Web Browser हो या फ़िर अपनी मन-पसंद गाना सुनना हो सभी के लिए एप्लीकेशन मौदूज होते हैं।
  • इंटरनेट का उपयोग करने के लिये सबसे पहले आपको cyber cafe जाना पड़ता था। या फिर कंप्यूटर की जरुरत होती थी लेकिन मोबाइल तब से हर वक़्त इंटरनेट का इस्तेमाल करना आसान हो गया हैं। Mobile में Internet के लिए 3G और 4G के आने से Super Speed से इंटरनेट चलता हैं।
  • Mobile फ़ोन अगर साथ हैं, तो ये एक तरह से आपको सुरक्षा प्रदान करते हैं। ख़ासकर वे सभी लड़कियां जो जॉब करने के लिए अकेली होती हैं और बाहर जाती हैं वो कभी-भी आपने जान पहचान के लोगों को फोन कर सकती हैं। और खतरा महसूस होने पर अपने पहचान के लोगों को फोन करके या फिर पुलिस से मदद मांग सकती हैं।

Mobile Phone के नुक़्सान

जैसा कि आप जानते हैं कि हर सिक्के के 2 पहलु होते हैं। आपने अभी तक जाना हैं कि Mobile फ़ोन से सिर्फ़ फायदें होते हैं। लेक़िन ये भी सच हैं कि आपका Mobile फ़ोन में बहुत सारे नुक्सान भी होते हैं। जिनकी जानकारियां रखना आपको बहुत जरुरी हैं।

Disadvantages of Mobile
Disadvantages of Mobile
  1. कुछ लड़के और लड़कियां ऐसे हैं जो Mobile फ़ोन इस हद से ज़्यादा उपयोग करते हैं। और दिन रात बस Mobile फ़ोन में लगे रहते हैं। पढाई-लिखाई पर ध्यान कम होता हैं।
    उनको Mobile फ़ोन की ऐसी लत लग जाती हैं कि रियल लाइफ से उनका कोई लेना देना हे ही नहीं। इस तरह वे अपने पढाई-लिखाई और करियर पर ध्यान नहीं दे पाते और उनका भविष्य अंधकार की ओर चला जाता हैं।
  2. Mobile फ़ोन के लगातार इस्तेमाल करने से लोगों की सेहत पर बहुत बुरा असर होता हैं। दिनभर में ढेर सारा रेडिएशन शरीर के अंदर जाता रहता है जिससे उस इंसान को बहुत नुक्सान कर रहा हैं। यहां तक की लोग सोते समय भी Mobile को आपने सर के आसपास ही रखते हैं।
  3. अक्सर देखा गया हैं कि लोगों को ऐसी आदत होती हैं कि वो Driving करते समय भी अपने फ़ोन के साथ किसी ओर से बात करते रहते हैं। जो की बहुत ही ख़तरनाक होते हैं।
  4. आप Mobile फ़ोन में Internet और Call के इस्तेमाल करने के लिए बहुत सारे पैसें खर्च करने पड़ते हैं। जिससे आपका और खर्च भी बढ़ जाता हैं।
  5. आजकल Mobile में आप अपने हर डाटा यहां तक की पर्सनल इन्फॉर्मेशन भी रखते हैं। अगर कभी-भी आपका Mobile फ़ोन गुम या चोरीं हो जाते है, तो आपको ऐसा लगता हैं कि जैसे आपके शरीर में से जान निकल गये हो।
  6. Mobile फ़ोन के लगातार इस्तेमाल करने से आपको बहुत सारे ऐसा बीमारी आ जाते जिसकी अपने कल्पना भी नहीं किए होंगे लेकिन आज आपके साथ ये सब हो रहे हैं। जैसें कि आपको नींद न आने की समस्या शुरू हो जाती हैं।

जरुरी बातें

दोस्तों आज आपको Mobile क्या हैं जानकारी कैसा लगा ? आज आप ये समझ ही गए होंगे की आखिर Mobile फ़ोन के फायदें और नुक़्सान क्या हैं? Mobile फ़ोन ना हों तो आज जिन्दगी जिना बहुत ही ज़्यादा मुश्किल हो गया हैं।

ये दूसरो के साथ Example लेनें से अच्छा हैं। आप ख़ुद ही एक बार Try करके देखें और देखे कि आप Mobile फ़ोन के बिना कितनीं देर रह सकते हैं। शुरुआती दौर में से और आज के विकसित मोबाइल तक का सफर काफ़ी लंबा रहा हैं। लेक़िन ये सफ़र कभी-भी रुकनें वाला नही हैं। वक़्त के साथ में नये-नये बदलाव होते रहेंगे।

आप अब जान चुके हैं Mobile फ़ोन बहुत मायनों में आपके लिये फ़ायदेमंद हैं। लेक़िन ये भी जानना बहुत ज़रूरी हैं कि इसके नुक़सान भी क्या-क्या हो सकते हैं। दोस्तों अगर आपको ये आर्टिकल अच्छी लगी हो तो सोशल मीडिया में जरुरं शेयर करें धन्यवाद.!!

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