लिनक्स यूनिक्स जैसा एक प्रचालन तन्त्र है। यह ओपेन सोर्स सॉफ्टवेयर अथवा मुक्त स्रोत सॉफ्टवेयर का सबसे कामयाब तथा सबसे लोकप्रिय सॉफ्टवेयर है।
यह जीपीएल v 2 लाइसेंस के अन्तर्गत सर्व साधारण के उपयोग हेतु उपलब्ध है और इसका कुछ भाग यूनिक्स से प्रेरित है। मूलतः यह मिनिक्स का विकास कर बनाया गया है।
Linux Operating System का इतिहास
ऑपरेटिंग सिस्टम की शुरूआत वर्ष 1991 में हुई उस समय Linux Torvalds नामक छात्र ने अपने पर्सनल प्रोजेक्ट में फ्री ऑपरेटिंग सिस्टम Kernel को तैयार किया। और Linux Kernel तब से लेकर अब तक निरंतर विकसित होता गया।
रोचक बात यह है कि उस समय उन्होंने इस प्रोग्राम को अपने कंप्यूटर के लिए तैयार किया था। और वह Unix 386 Intel कंप्यूटर खरीदना चाहते थे।
लेकिन Linux अपनी आर्थिक स्थति के कारण उस कंप्यूटर को खरीदने में असमर्थ थे। इस तरह उनके द्वारा एक छोटे से प्रोग्राम ने विश्व के समक्ष Linux kernel को पेश किया।
उस दौरान कंप्यूटर्स काफी बड़े साइज के होते थे तथा उनके ऑपरेटिंग सिस्टम भी भिन्न प्रकार के होते थे। आप समझ सकते हैं कि उन्हें ऑपरेट करना कितना मुश्किल होता होगा।
इसके साथ ही प्रत्येक सॉफ्टवेयर को अलग-अलग उद्देश्य से तैयार किया जाता था तथा उस सॉफ्टवेयर को प्रत्येक कंप्यूटर पर उपयोग करना संभव नहीं था ।
Linux की शुरुआत कैसे हुई?
Linux को Linus Torvalds ने सन 1991 में create किया था, जब वो एक university student थे University of Helsinki में. Torvalds ने Linux को एक free और Minix Os का open source alternative के तोर पर बनाया था, जो की एक दूसरा Unix clone था और जिसे मुख्य रूप से academic settings में इस्तमाल किया जाता था।
उन्होंने सबसे पहले इसका नाम “Freax” रखने का सोचा था लेकिन उस Server के administrator ने जिसे की Torvalds ने अपने Origonal code को distribute करने के लिए चुना थाm उसने उनकी directory का नाम “Linux” जो की एक combination था Torvalds’ के पहले नाम और Unix का. ये नाम सुनने में इतना अच्छा लगा की इसे बाद में और बदला नहीं गया।
Linux का Owner कौन है?
चूँकि Linux की licensing open source है, इसलिए Linux किसी के लिए भी freely available है। लेकिन फिर भी “Linux” नाम का trademark उसके creator, Linus Torvalds को ही जाता है।
Linux OS की source code का copyright बहुत से individual authors के नाम में जाता है, इसलिए इसे सामूहिक रूप से GPLv2 license के तहत रख दिया गया है।
क्यूंकि Linux के पीछे एक बहुत ही बड़े समूह का हाथ है जिन्होंने इसमें अपना योगदान दिया है और जिसे develop करने में बहुत साल लग गए।
ऐसे में उन्हें individually संपर्क करना भी possible नहीं है इसलिए Linux के license को GPLv2 के अंतर्गत शामिल कर दिया गया है जिसमें सबकी सहमति शामिल है।
Linux किसने बनाया ?
Linux Operating System का परिचय
लिनक्स दुनिया में उपयोग किए जाने वाले सबसे लोकप्रिय ऑपरेटिंग सिस्टम में से एक है। लिनक्स, लिनक्स कर्नेल का उपयोग करके यूनिक्स जैसे कंप्यूटर ऑपरेटिंग सिस्टम के परिवार को संदर्भित करता है।
लिनक्स को विभिन्न प्रकार के कंप्यूटर हार्डवेयर पर संस्थापित किया जा सकता है, जिसमें मोबाइल फोन, टैबलेट कंप्यूटर और वीडियो गेम कंसोल से लेकर मेनफ्रेम और सुपर कंप्यूटर शामिल हैं।
यह एक ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर है और GNU जनरल पब्लिक लाइसेंस के तहत लिनक्स कर्नेल जारी किया जाता है और इसलिए इसे स्वतंत्र रूप से संशोधित और वितरित किया जा सकता है।
लिनक्स वास्तव में सिर्फ एक कर्नेल है। कई लोगों ने एक साथ वितरण (जिन्हें अक्सर फ्लेवर्स कहा जाता है) किया है, जिसमें न केवल कर्नेल, बल्कि कई अन्य प्रोग्रामिंग टूल और उपयोगिताएं भी शामिल हैं।
कुछ प्रसिद्ध वितरण में Red Hat Linux, Ubuntu, SuSE Linux और Debian GNU / Linux शामिल हैं।
लिनक्स की वास्तविक शक्ति को इसके विस्तृत और सशक्त भंडारगृहों का उपयोग करके टैप किया जा सकता है जिन्हें टर्मिनल पर टाइप करने की आवश्यकता होती है।
इसके पीछे तथ्य यह है कि, यदि इसका स्रोत कोड नहीं है, तो लिनक्स अपनी बौद्धिक पैत्रिकी का पता यूनिक्स OS तक सांकेतिक कर सकता है।
GUI एनवायरनमेंट का सपना देखने से पहले यूनिक्स का विकास किया गया था। इस प्रकार, यूनिक्स (और बाद में लिनक्स) लचीले टेक्स्ट-मोड कमांड की एक विस्तृत सारणी प्रदान करता है।
इस ट्यूटोरियल श्रृंखला में, हम मुख्य रूप से फ़ाइलों, निर्देशिकाओं, प्रक्रियाओं आदि को संभालने के लिए लिनक्स कमांड की विस्तृत विविधता का उपयोग करने के तरीके पर ध्यान केंद्रित करेंगे।
ये ट्यूटोरियल उबंटू संस्करण 10.04 और इसके बाद के संस्करण का उपयोग करके बनाए गए हैं। कृपया लिनक्स OS के संस्करणों को तय करने के लिए वेबसाइट पर व्यक्तिगत स्पोकन ट्यूटोरियल्स से संबंधित टेक्स्ट बॉक्स देखें, जिस पर यह लागू है।
लिनक्स के लिए स्पोकन ट्यूटोरियल में श्री अनिर्बान रॉय चौधरी का योगदान रहा है। स्क्रिप्ट और ट्यूटोरियल के निर्माण में मदद करने वाले अन्य योगदानकर्ताओं में शाहिद अली फारूकी, शंभुलिंगय्या, अनुषा कादंबला, अनुव्रत पाराशर, अभिजीत सुनील, प्रशांत शाह, नमिता मेनेजेस, बालासुब्रमण्यम एस.एन., गौरव शिंदे, प्रवीण एस., सचिन पाटिल, अश्विनी पाटिल, Desi Crew Solutions Pvt. Ltd. और नैन्सी वर्की शामिल हैं।
Linux Operating System क्या हैं ?
लिनक्स, UNIX operating System का एक बहुत ही popular version है। ये एक open source software है क्यूंकि इसकी source code internet में freely available है।
इसके साथ इसे आप बिलकुल से Free में इस्तमाल कर सकते हैं, कहने का मतलब है की ये पूरी तरह से free है।
Linux को UNIX की compatibility को नज़र में रखकर designed किया गया था। इसलिए इसकी functionality list प्राय UNIX से मिलती झूलती है।
Linux Os open source होने के कारण इसे developers अपने जरुरत के अनुसार customize कर सकते हैं। इसके साथ ये Computer के लिए बहुत ही reliable Operating system है।
किसी भी कंप्यूटर मशीन को चालू करने पर सॉफ्टवेयर के रूप में सबसे पहला कार्य ऑपरेटिंग सिस्टम का होता है।
ऑपरेटिंग सिस्टम स्वयं कंप्यूटर मेमोरी में लोड होने के बाद कंप्यूटर में उपलब्ध सूचनाओं तथा डेटा के आधार पर मैनेज कर आगे निर्देश देता है।
Unix ऑपरेटिंग सिस्टम का एक प्रकार Linux OS है। जिस प्रकार Windows तथा Mac ऑपरेटिंग सिस्टम होते हैं। उसी प्रकार Linux भी एक ऑपरेटिंग सिस्टम है।
यह एक फ्री तथा ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर है। जिसका मतलब है एक यूजर इंटरनेट पर मुफ्त में लिंक्स कोडिंग को मॉडिफाई कर कमर्शियल तथा निजी उपयोग में ले सकता है। इसमें वे सॉफ्टवेयर होते हैं जो Linux Kernel पर आधारित हैं।
लिनक्स ऑपरेटिंग सिस्टम को वास्तविक रूप से पर्सनल कंप्यूटर के लिए विकसित किया गया था।
लेकिन बाद में इस ऑपरेटिंग सिस्टम ने अनेक प्लेटफॉर्म मोबाइल, स्मार्ट टीवी, गेमिंग कंसोल यहाँ तक वाहनों में भी इसी ओपरेटिंग सिस्टम का इस्तेमाल किया जाता है।
लिनक्स यूनिक्स ऑपरेटिंग सिस्टम की तरह ही मिलता-जुलता ओपरेटिंग सिस्टम है। इसके साथ ही इसका इस्तेमाल सर्वर तथा कंप्यूटर सिस्टम (मैनफ्रेम कम्प्युटर) डिवाइस में सबसे अधिक होता है।
आंकड़ों के अनुसार लिनक्स ऑपरेटिंग सिस्टम एक मात्र OS है जिसे टॉप 500 सुपर कंप्यूटर में इस्तेमाल किया गया।
कुल डेस्कटॉप कंप्यूटर के 2% से अधिक सिस्टम में लिनक्स का इस्तेमाल किया जाता है। यहाँ तक कि क्रोमबुक जिसका नाम शायद आपने जरूर सुन होगा। यह भी लिनक्स ओपरेटिंग सिस्टम पर कार्य करता है।
Linux Operating Systems का भविष्य
इसमें तो कोई भी सक नहीं है की Linux ही भविस्य का operating system है। ऐसा इसलिए क्यूंकि प्राय सभी latest technologies के foundation में Linux मेह्जुद है।
आप कोई भी future technology बिना Linux के imagine ही नहीं कर सकते हैं। Embedded systems एक ऐसी ही उदहारण है जहाँ की Linux का भरपूर इस्तमाल किया गया है।
और जहाँ पर Linux को मुख्य रूप से इन applications को create और maintain करने के लिए इस्तमाल किया जाता है।
सभी बड़े organizations अब Linux का इस्तमाल सबसे ज्यादा कर रहे हैं Operating System के हिसाब से चूँकि इसमें ऐसे बहुत से बेहतरीन features हैं जिससे इनकी demand दिनबदिन बढती ही जा रही है।
इसके साथ कई system admin अपने job profile को windows से Linux operating system में change कर रहे हैं।
कोई भी नयी technologies जैसे की cloud computing, virtualization, VMware, database administration को सिखने के लिए आप Linux के विषय में जानकारी होना बहत जरुरी है।
इसलिए मुझे ऐसा प्रतीत होता है की Linux Operating System का भविष्य आने वाले समय में बहुत उज्जवल है।
Linux कैसे काम करता है ?
Distribution क्या है?
- Ubuntu Linux
- Linux Mint
- Arch Linux
- Deepin
- Fedora
- Debian
- openSUSE.
ज्यादा Resources के लिए
क्या Linux Operating System पूरी तरह से Virus /Malware मुक्त होता है?
Linux System के Components
देखा जाये तो Linux Operating System के मुख्य रूप से तीन components होते हैं :-
1. Kernel :- ये Kernel Linux का core part होता है। ये operating system में हो रहे सारे major activities के लिए responsible होता है। इसमें दुसरे modules मेह्जुद होते हैं और ये underlying hardware के साथ directly interact करती हैं। Kernel low-level hardware details की जानकारी को system or application programs तक पहुचने से रोकता है या यूँ कहे की abstraction के तरह behave करता है।
2. System Library :- System libraries उन special functions या programs को कहा जाता है जिन्हें इस्तमाल कर application programs या system utility Kernel के features को access करती हैं। ये libraries operating system के प्राय सभी functionalities को implement करती हैं और उन्हें ऐसा करने के लिए kernel module’s code access rights की भी जरुरत नहीं पड़ती है।
3. System Utility :- System Utility उन programs को कहते हैं जो की दुसरे specialized, और individual level tasks करने के लिए उत्तरदायी होते हैं।
Linux ऑपरेटिंग सिस्टम की विशेषताएँ
- सबसे महत्वपूर्ण बात यह जानना है कि Linux ऑपरेटिंग सिस्टम लगभग सभी विंडॉज की तुलना में यह वायरस से मुक्त होता है। स्पाइवेयर, ट्रॉजन, एडवेयर आदि वायरस अटैक लिनक्स ऑएस में समान्यतः नहीं होते. जिस वजह से इसे सबसे अधिक सुरक्षित ऑपरेटिंग सिस्टम माना जाता है।
- विंडॉज ऑपरेटिंग सिस्टम के मुक़ाबले Linux मुफ्त तथा काफी सस्ते होते हैं। Linux के Variants तथा वर्जन कई महीनों, सालों तक ‘रीबूट’ किये बिना चल सकते हैं।
- लिनक्स ओएस में अधिकतर गेम्स फ्री या ओपन सोर्स होते हैं। ओपन ऑफिस, स्टार ऑफिस जैसे प्रोग्राम लिनक्स ओएस में फ्री होते हैं।
- चूँकि अधिकतर Linux प्रोग्राम तथा वैरिएंट्स ओपन सोर्स होते हैं जिस वजह से यूज़र आवश्यकतानुसार कोडिंग कर सकता है।
- लिनक्स ओएस का इस्तेमाल घरों, विद्यालयों तथा विभिन्न कंपनियों में होता है। क्योंकि हमेशा से ही Linux को सबसे सुरक्षित ऑपरेटिंग सिस्टम माना गया है।
- लिनक्स ओएस को खरीदने के लिए किसी भी तरह की लाइसेंस की की आवश्यकता नहीं होती। तथा विंडॉज की तरह ही सभी एप्लीकेशन का इस्तेमाल Linux में आसानी से किया जा सकता है।
- लिनक्स काफी सशक्त होता है अर्थात इसके क्रैश होने की सम्भावनाएं निम्न होती हैं तथा क्रैश होने की स्थति में भी सिस्टम पूरी तरह डाउन नहीं होता। साथ ही यूजर को मैलवेयर से भी सुरक्षित रखता है।
Application of Linux Operating Systems
- Linux movie industry की काफी मदद करती है एक render farm बनकर जहाँ की लाखों machines पर हमेशा movies चलती रहती हैं।
- TV system में भी Linux का इस्तमाल menu system के लिए होता है।
- सभी Android mobiles Linux platform पर run करती हैं।
- यहाँ तक की आप अपने घर को भी Automate कर सकते हैं।
- सभी Internet connection router Linux पर run करते हैं।
- छोटे disk storage system manufacturer भी Linux पर run करते हैं।
- Web App और Website Hosting भी।
- सभी internet servers, databases, websites को Linux operating system के द्वारा ही चलाया और maintain किया जाता है।
- सभी Stock exchanges भी Linux के Platforms पर ही चलते हैं।
- आप एक Old और Slow PC को भी fast चला सकते हैं।
- सभी ATM में भी payment process करने के लिए Linux Os का इस्तमाल होता है।
- कोई भी Video Game Machine बनाने और dedicated Media Center के लिए इसका इस्तमाल होता है।
Linux Operating System के उपयोग
01.Smart devices
02.Gaming
03.Servers और Mainframes
04.Telecommunication
05.Security
Less command
Windows तथा Linux ओपरेटिंग सिस्टम में क्या अंतर है?
- Windows में C, D, E ड्राइव जिनमें अनेक फोल्डर होते हैं परंतु दूसरी ओर लिनक्स में कोई ड्राइव नहीं होती।
- विंडोज सिस्टम में हम किसी फोल्डर में एक नाम से दो फ़ाइल को स्टोर नहीं कर सकते बल्कि Linux ऑपरेटिंग सिस्टम में 2 फाइल को एक फोल्डर में सेव किया जा सकता है।
- Windows ऑपरेटिंग सिस्टम में Guest, Standard, Administrator समेत कुल तीन एकाउंट होते हैं जबकि दूसरी तरफ रेगुलर, रुट तथा सर्विस एकाउंट Linux सिस्टम के एकाउंट टाइप है।
- Linux सिस्टम में ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर कार्य करते हैं, जबकि विंडॉज में Closed Source सॉफ्टवेयर कार्य करते हैं।
- Windows ऑपरेटिंग सिस्टम सिंगल-यूजर के लिए होता है जबकि Linux सिस्टम मल्टि-यूजर होता है।
- Linux ऑपरेटिंग सिस्टम को Windows की तुलना में अधिक सुरक्षित OS माना जाता हैं क्योंकि इनमें वायरस हमले के अवसर निम्न होते हैं।
- हालाँकि विंडॉज सिस्टम के सरलतम उपयोग तथा अधिक फ़ीचर्स के कारण अधिकतर यूज़र्स विंडॉज ओपरेटिंग सिस्टम का इस्तेमाल करते हैं।
लिनक्स के फायदे
लिनक्स के नकारात्मक प्रभाव
- हालांकि लिनक्स ऑपरेटिंग सिस्टम ओपन सोर्स होने के कारण यूजर अपने अनुसार कस्टमाइज कर सकता है। परंतु आज भी नॉन टेक्निकल व्यक्ति के लिए लिनक्स का इस्तेमाल करना विंडोज से कहीं ज्यादा कठिन होता है।
- लिनक्स ऑपरेटिंग सिस्टम में काफी बड़ी मात्रा में सॉफ्टवेयर प्रोग्राम पाए जाते हैं परंतु विंडोज की तुलना में प्रोग्राम इंस्टॉलेशन करना कठिन होता है।
- यहां आप को समझना होगा कि विंडोज की तुलना में लिनेक्स ने मार्केट में कम लोकप्रियता हासिल की जिस वजह से आपको मन मुताबिक प्रोग्राम आमतौर पर देखने को नहीं मिलते। आमतौर पर देखा गया है कि लिनक्स ऑपरेटिंग सिस्टम में प्रिंटर तथा ब्लू रे डिस्क को कनेक्ट करना आसान नहीं रहता।
- लिनक्स विंडोज तथा मेक ऑपरेटिंग सिस्टम की तरह इस्तेमाल करना आसान नहीं रहता क्योंकि इसमें टेक्निकल ज्ञान की आवश्यकता होती है खासकर बिगनर्स को लिनक्स ऑपरेटिंग सिस्टम का इस्तेमाल करते समय परेशानी होती है। अतः आपको लिनक्स ऑपरेटिंग सिस्टम का इस्तेमाल करने से पूर्व कहीं चीजें का ज्ञान होना जरूरी होता है।
- लिनक्स ऑपरेटिंग सिस्टम में कई तरह के प्रोग्राम्स कार्य नहीं करते तथा लिनक्स ऑपरेटिंग सिस्टम में निम्न मात्रा में कंप्यूटर हार्डवेयर सपोर्ट करते हैं साथ ही सभी ड्राइवर लिनक्स ओएस को सपोर्ट नहीं करते।