Computer Hardware क्या हैं? इसे विस्तार से जानिए?

What is Hardware? Know Hardware in Details in Hindi?


COMPUTER HARDWARE

COMPUTER HARDWARE
कम्प्यूटर के वे भाग जिन्हे हम देख तथा छू सकते है उन्हे हार्डवेयर कहते हैं. यह कम्प्यूटर के भौतिक भाग होते है. जिनसे मिलकर हमारे कम्प्यूटर का शरीर बनता हैं.हार्डवेयर ”कम्प्यूटर हार्डवेयर कम्प्यूटर का भौतिक भाग होता है जिसमें उसके डिजीटल सर्किट लगे होते हैं जैसा कि कम्प्यूटर सॉफ्टवेयर से प्रदर्शित होता है और यह हार्डवेयर के अंदर ही रहता है। किसी कंप्यूटर का हार्डवेयर उसके सोफ्टवेयर और हार्डवेयर डाटा की तुलना में यदा-कदा बदल जाता है।  

कंप्यूटर हार्डवेयर क्या हैं?

कंप्यूटर का फिजिकल कॉम्पोनेन्ट को हार्डवेयर बोला जाता है. अगर सरल भाषा में आपको समझाऊं तो कंप्यूटर के जिस हिस्से को हम देख सकते हैं और उन्हें छू भी सकता है उन्हें हार्डवेयर बोला जाता है. कंप्यूटर में  जितने भी आउटपुट डिवाइसइनपुट डिवाइस,स्टोरेज डिवाइस होते हैं वह सभी एक हार्डवेयर हैं. बिना हार्डवेयर के कंप्यूटर को सोचा भी नहीं जा सकता और ना ही बिना हार्डवेयर के कंप्यूटर मौजूद होगा. 
किसी भी सॉफ्टवेयर का उपयोग हम बिना हार्डवेयर के नहीं कर सकते हैं. दोस्तों सॉफ्टवेयर वह होता है जिसे हम देख तो सकते हैं लेकिन हम उसे छू नहीं सकते. अगर हमें कुछ भी काम करवाना हो कंप्यूटर से तो हमें हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर दोनों का इस्तेमाल करना होगा उस काम को पूरा करने के लिए. 
दोस्तों इस बात को समझाने के लिए मैं आपको एक उदाहरण बताता हूं- अगर आपको कंप्यूटर में गाना सुनना है तो ऐसा तो नहीं होगा कि कंप्यूटर गाना चालू कर दे और आप उसको सुन लेंगे,इसके लिए हमें पहले विंडो मीडिया प्लेयर में गाना चालू करना पड़ेगा और फिर वही गाना हम  स्पीकर के जरिए सुन सकेंगे.तो दोस्तों इससे आप यह समझ गए होंगे कि सभी हार्डवेयर को सॉफ्टवेयर के जरिए से ही नियंत्रण किया जाता है।  

कंप्यूटर हार्डवेयर को दो मुख्य भागो में विभाजित किया जाता है:-

Internal Hardware:- आंतरिक घटक जो आमतौर पर हमें दिखाई नही देते है क्योंकि यह computer case के अंदर मौजूद होते है. इन्हें देखने के लिए हमे कंप्यूटर को खोलना होगा. आंतरिक हार्डवेयर की सूची नीचे दी गयी है-  
  1. Motherboard
  2. RAM
  3. Central processing unit (CPU)
  4. Drive
  5. PSU (Power Supply Unit)
  6. NIC (Network card)
  7. Heat Sink (Fan)
  8. GPU (Graphical processing unit)

External Hardware:- बाहरी घटक जिन्हें peripheral components भी कहा जाता है, यह बाहर से कंप्यूटर के साथ जुड़े होते है. इनमे Input और Output Device शामिल है, जिनकी सूची नीचे दी गयी है-
  1. Monitor
  2. Mouse
  3. Keyboard
  4. Printer
  5. Speaker
  6. UPS (Uninterruptible Power Supply)

कंप्यूटर हार्डवेयर के प्रकार

यह तो आप जान चुके है, कि कंप्यूटर हार्डवेयर का तात्पर्य उन फिजिकल पार्ट्स से है, जिनसे मिलकर एक कंप्यूटर का निर्माण होता है. इसके कई उदाहरण हम आपको ऊपर दे चुके है. उदाहरण के दौरान आपने देखा होगा यह कई सारे है.नीचे कंप्यूटर हार्डवेयर को चार अलग-अलग श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया है, जिससे इन्हें समझना में आपको आसान हो जायेगा – 

Input Device:- इसके अंतर्गत वह hardware device आते है, जो computer को data भेजने का कार्य करते है. इनके द्वारा ही उपयोगकर्ता कंप्यूटर से सम्पर्क बना कर उनसे अपना कार्य कराते है. कुल मिलाकर इनके इस्तेमाल से आप कंप्यूटर को control और उनसे interaction कर पाते है. इसका सबसे आसान उदाहरण आपका Keyboard है, यह user को कंप्यूटर में alphanumeric data और command को input करने की अनुमती देता है. सोचिये अगर कीबोर्ड इसका हिस्सा नही होता तो क्या आप कंप्यूटर का इस्तेमाल कर पाते. Input device के अंतर्गत कई सारे computer hardware आते है, इनके कुछ मुख्य उदाहरण नीचे दिये गये है-
  1. Mouse
  2. Keyboard
  3. Scanner
  4. Microphone

Output Device:- इसमे वह कंप्यूटर हार्डवेयर आते है, जो computer data को user तक पहुचाने या उसके अनुकूल बनाने का कार्य करते है. उदाहरण के लिये computer screen जिसे हम monitor कहते है. मॉनिटर, कंप्यूटर का मुख्य आउटपुट डिवाइस है. यह किसी भी डेटा को आप तक पहुचाने का कार्य करता है. यानी जो भी instruction आप कंप्यूटर में feed करते है, उसका आउटपुट इन्ही के द्वारा आपको दिखाई देता है. आउटपुट डिवाइस के द्वारा ही कंप्यूटर user और अन्य हार्डवेयर डिवाइस से communicate कर पाते है. इनके कुछ उदाहरण नीचे दिये गए जिन्हें पढ़कर आप आउटपुट डिवाइस को अच्छे से समझ जायेंगे-
  1. Monitor
  2. Printer
  3. Touch Screen
  4. Speaker
  5. Headphones

Processing Device:- जब आप Keyboard या किसी दूसरी input device के माध्यम से computer को data भेजते है, तो वह डाटा monitor या किसी output device को भेजे जाने से पहले एक intermediate stage से होकर गुजरता है. यह वो stage है, जहां raw data को information में बदला जाता है. Processing device कंप्यूटर के वह hardware है, जो इस मध्यवर्ती अवस्था (intermediate stage) को संभालते है. इन्हें internal memory device भी कहा जाता है।  
  1. Motherboard
  2. CPU (Central processing unit)
  3. GPU (Graphics processing unit)
  4. Network Card

Storage Device:- यह वह computing hardware होते है, जो data को retain रखने और store करने का कार्य करते है. Storage device किसी भी computer device के core components में से एक है. यह कंप्यूटर पर लगभग सभी data और application को store करते है. उदाहरण के लिये एक मानक कंप्यूटर में RAM, Cache और Hard disk सहित कई storage device होते है।  
कंप्यूटर में स्टोरेज डिवाइस दो प्रकार की होती है:-

Primary Storage Device:- यह स्टोरेज डिवाइस अस्थायी (temporary) रूप से डेटा रखने के लिये इस्तेमाल किये जाते है. यह आकार में काफी छोटे होते है. जिसके कारण यह कंप्यूटर में आंतरिक होते है. प्राथमिक स्टोरेज डिवाइस के पास सबसे तेज data access speed है. इनमे Ram व Cache Memory शामिल है।  
Secondary Storage Device:- इन डिवाइस के पास large storage capacity होती है. साथ ही यह data को स्थायी (permanent) रूप से store करके रखती है. यह कंप्यूटर के अंदर या बाहर मौजूद होती है. इनके मुख्य उदाहरण Optical disk drive, Hard disk और USB storage device है।  
Communication Devices:- इन उपकरणों में हम उन डिवाइसेस को रखते है, जो एक कम्प्युटर को दूसरे कम्प्युटर से संपर्क करने के योग्य बनाते है. इस श्रेणी में सबसे प्रचलित उपकरण  Modem है।  

हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर के बीच आपसी संबंध

  1. हार्डवेयर कम्प्यूटर का शरीर है तो सॉफ़्टवेयर उसकी आत्मा हैं।  
  2. दोनों, एक-दूसरे के बिना अधूरे हैं।  
  3. हार्डवेयर के बिना सॉफ्टवेयर अपना काम नही कर सकता है और सॉफ्टवेयर के बिना हार्डवेयर अनुपयोगी हैं।  
  4. कम्प्यूटर से कार्य विशेष करवाने के लिए हार्डवेयर पर उचित सॉफ्टवेयर इंस्टॉल करना पडता हैं।  
  5. सॉफ्टवेयर आपके यानि यूजर और हार्डवेयर के बीच संबंध स्थापित करना है।  

कंप्यूटर हार्डवेयर अपग्रेडेशन क्या हैं?

कम्प्यूटर की कार्यक्षमता, फीचर, निष्पादन (Performance) को बढाने के लिए किसी एक या अधिक उपकरण को नई तकनीक और क्षमता के उपकरण से बदलना हार्डवेयर अपग्रेड करना कहलाता हैं. जैसे; अभी आपके कम्प्यूटर में 2 GB DDR2 RAM लगी हुई है. यदि आप इसे 4GB DDR2 से बदल लेते है तब यह रैम अपग्रेड करना कहलाता हैं. और यही नियम अन्य हार्डवेयर उपकरणों पर भी लागु होता हैं।
आप, हार्डवेयर में कम्प्यूटर के किसी भी उपकरण को अपग्रेड कर सकते हैं. और अपने कम्प्यूटर की तथा उस विशेष उपकरण की क्षमता, फीचर, गति में बढोतरी करा सकते हैं. हार्डवेयर अपग्रेड करना एक महंगी प्रक्रिया हैं. इसलिए जरूरत होने पर ही उपकरणों को अपग्रेड करना चाहिए. केवल नई तकनीक और ज्यादा फीचर के लालच में ना आए।

विभिन्न प्रकार के कंप्यूटर हार्डवेयर

ये विभिन्न प्रकार के हार्डवेयर के नाम हैं Keyboard, Mouse, Monitor, Speaker, Printer, Hard Disk, CPU, Motherboard, RAM. दोस्तों अब इन सब के बारे में थोड़ा विस्तार से जानते हैं:-

Keyboard:- सबसे ज्यादा इस्तेमाल किए जाने वाले devices  में से यह एक है.यह एक इनपुट डिवाइस (input device) है. इस डिवाइस को USB Port  में connect किया जाता है. Keyboard  के माध्यम से ही हम कंप्यूटर में अपना data enter कर सकते हैं।

Mouse:- Mouse को Pointing device  भी बोला जाता है.  किसी भी item को चुनने या खोलने या बंद करने के लिए Mouse का इस्तेमाल किया जाता है. उसमें तीन बटन होते हैं Left Key, Right Key और Scroll. Cursor को कंट्रोल करने के लिए भी इसका इस्तेमाल किया जाता है. इसे एक फ्लैट सरफेस (Flat Surface) पर रखकर इस्तेमाल किया जाता है।

Monitor:- Monitor सबसॆ महत्वपूर्ण Output Device  है. यह सॉफ्ट कॉपी (soft copy) के रूप में आउटपुट दिखाता है. लैपटॉप (Laptop) में Monitor  का Size छोटा होता है और डेक्सटॉप (Desktop) में Monitor  का Size  बड़ा होता है।

Speaker:- कंप्यूटर के बाहरी यंत्रो मे से एक है स्पीकर. कंप्यूटर की ऑडियो सॉन्ग (audio song) को सुनने के लिए स्पीकर को कंप्यूटर के साथ जोड़ा जाता है।

Printer:- प्रिंटर भी कंप्यूटर की बाहरी यंत्रों में से एक है. पेपर में आउटपुट का या फिर कुछ इंफॉर्मेशन (INFORMATION) का प्रिंट निकालने के लिए प्रिंटर का इस्तेमाल किया जाता है. और इसी प्रिंट को हार्ड  कॉपी (HARD COPY) कहते हैं।

Hard Disk:- यह एक स्टोरेज डिवाइस (Storage Device) है और इसकी स्टोरेज केपेसिटी (storage capacity) बहुत ही ज्यादा होती है. कंप्यूटर के सारे Files, Data और Program  इसी के अंदर स्टोर होकर रहता है।

CPU-Central Processing Unit:- CPU  का पूरा नाम है सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट(Central Processing Unit).CPU को कंप्यूटर का दिमाग या मस्तिष्क कहा जाता है.CPU  कंप्यूटर को कंट्रोल करता है. CPU Hardware  नहीं है लेकिन इसके अंदर बहुत सारे हार्डवेयर हैं. जैसे की RAM.CPU के 3 Components होते है.CU, MU, ALU. CU यानी Control Unit, इसका इस्तेमाल सारे काम को कंट्रोल करने के लिए किया जाता है, MU यानी Memory Unit, इसमे Primary Memory And Secondary Memory होते हैं, ALU यानी Arithmetic And Logic Unit, इसका इस्तेमाल Mathematical Calculation जैसे Addition ,Subtraction ,Multiplication, Division  And Comparison Operation Like Less Than ,Greater Than , Less Than Equal To, Greater Than Equal To,  Equal To,Not Equal To,Etc.

Motherboard:- यह कंप्यूटर के अलग-अलग Components जैसे CPU, RAM, Hard disk, Graphics Card आदि को पकड़ कर रखता है.यह कंप्यूटर का महत्वपूर्ण पार्ट है.इसे प्रिंटेड सर्किट बोर्ड ( Printed Circuit Board, PCB) भी कहा जाता है. इसे देखने और छूने के लिए हमें कंप्यूटर खोलना पड़ता है।

RAM-Random Access Memories:- इसका पूरा नाम है रैंडम एक्सेस मेमोरी (Random Access Memories).सेकेंडरी मेमोरी की तुलना में RAM की साइज कम होती है. मोबाइल में 1GB, 2GB, 4GB तक होती है. इसे Direct Access Memory भी कहा जाता है. और यह एक Electro Magnetic Disk है।

Hardware और Software के बिच में अंतर

Hardware:- हार्डवेयर एक physical device है, जो computer के साथ भौतिक रूप से जुड़ा  होता है. Computer hardware को आप देख   सकते है. हार्डवेयर को physical materials या components के इस्तेमाल से बनाया जाता है. यह software के नियंत्रण में संचालित होता है. अगर hardware खराब हो जाये तो इसे ठीक किया जा सकता है या फिर नए से replace किया जा सकता है. हार्डवेयर पर Computer virus का कोई फर्क नही पड़ता. हार्डवेयर के बिना कंप्यूटर का कोई अस्तित्व नही है, इसके बिना यह नही चल सकता है।

Software:- सॉफ्टवेयर एक निर्देश या program है, जो computer के specific task को करने के लिये instructions देता है. Software को देखा छुवा नही जा सकता है. सॉफ्टवेयर को बनाने के लिये programming language में insturctions लिखे जाते है. यह कंप्यूटर के संचालन को नियंत्रित करता है. यदि कभी software corrupted या damage हो जाये तो आप इसकी backup copy को reinstalled कर इसे दुबारा ला सकते है. जबकि कंप्यूटर virus software को बुरी तरह से प्रभावित कर सकते है. बिना सॉफ्टवेयर कंप्यूटर चल तो सकता है, परन्तु यह कई error उतपन्न करेगा और किसी भी जानकरी को output नही करेगा।

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