What Is Computer Generation in Hindi? जाने कंप्यूटर जनरेशन क्या है? कंप्यूटर जनरेशन in Hindi, कंप्यूटर की पीढ़ी – पहली पीढ़ी से पांचवीं पीढ़ी तक
आज भले ही आप स्मार्टफोन पर ही अपने ज्यादातर काम कर लेते है, पर कंप्यूटर की जरुरत को नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता है।
जिस तरह Mobile Networks (2G, 3G, 4G, etc) का विकास Generations के रूप में हुआ है, ठीक उसी तरह कंप्यूटर के विकास को भी Generations में बाटा गया है। आज हम आपको कंप्यूटर की पीढ़ियों (Generations of Computer) के बारे में विस्तार में जानकारी देने वाले है-
History of Computer
कंप्यूटर का आविष्कार 19वीं शदी में महान साइंटिस्ट Charles Babbage ने किया था। इस वजह से उन्हें Father of Computer भी कहा जाता है। शुरुआती दौर में कंप्यूटर Vacuum Tubes की मदद से बनाया गया था। उस वक़्त यह काफी बड़े आकार और भारी वज़न का हुआ करता है।
Computer Generations
- First Generation (1940 – 1956)
- Second Generation (1956 – 1963)
- Third Generation (1964 – 1971)
- Fourth Generation (1971 – 1980)
- Fifth Generation (Present and Beyond)
First Generation Of Computer
First Generation Of Computer (1946-1956):- प्रथम पीढ़ी के कंप्यूटर में निर्वात नली का प्रयोग परिपथ बनाने में किया जाता था और मेमोरी के लिया चुम्बकीय ड्रम प्रयोग में लाते थे।
निर्वात नली के प्रयोग की वजह से इन कंप्यूटर से बहुत अधिक ऊष्मा उत्सर्जित होती थी जो इन कंप्यूटर की बहुत बड़ी समस्या थी। ये कंप्यूटर निम्न स्तरीय भाषा को समझ पाते थे इसलिए इनको को भी कार्य बताने के लिए बाइनरी भाषा काम में ली जाती थी , जो काम में लेने के लिए बहुत मुश्किल थी।
क्योकि बाइनरी भाषा में समस्त निर्देश ० और 1 के प्रयोग से लिखे जाते हैं जिनमे गलतियों को पहचानना बेहद मुश्किल कार्य होता था। ये कंप्यूटर एक समय में एक ही काम कर सकते थे।
इनपुट व आउटपुट के लिए पंच कार्ड पर प्रिंट आउट का प्रयोग किया जाता था। युनिवेक और इनियेक प्रथम पीढ़ी के उदाहरण हैं:-
प्रथम पीढ़ी के कम्प्यूटरों के निम्नलिखित लक्षण थे:
- वैक्यूम ट्यूब का प्रयोग।
- पंचकार्ड पर आधारित।
- संग्रहण के लिए मैग्नेटिक ड्रम का प्रयोग।
- बहुत ही नाजुक और कम विश्वसनीय।
- बहुत सारे एयर – कंडीशनरों का प्रयोग।
- मशीनी तथा असेम्बली भाषाओं में प्रोग्रामिंग।
प्रथम पीढ़ी के कंप्यूटर के लाभ
- इस कंप्यूटर को Vacuum Tubes की मदद से बनाया गया था, जो उस वक़्त का एक-लौता electronic component था।
- यह कंप्यूटर milliseconds में calculation कर सकता था।
- इस जनरेशन का base वैक्यूम ट्यूब पर आधारित था।
- इस टाईप की जनरेशन के कंप्यूटर का आउटपुट या रिजल्ट सही नहीं आता था।
- इस जनरेशन के कंप्यूटर का आकार एक कमरे के जैसा होने के कारण बहुत महंगा भी था इसीकारण ये बहुत ज्यादा Heat पैदा करते थे।
- ये कंप्यूटर ज्यादा गरम होने के कारण इनकी देखभाल के एयरकंडीशनर और AC का प्रयोग किया जाता था।
- यह बहुत ज्यादा बिजली खपत करते थे और एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जा नहीं सकते थे।
प्रथम पीढ़ी के कंप्यूटर के हानियाँ
- उस वक़्त के कंप्यूटर काफी बड़े size के और भारी होते थे। कुछ कंप्यूटर का वजह तो 30 tonnes यानि लगभग 27,000 Kg था।
- उन कंप्यूटर में Magnetic Drums का इस्तेमाल होता था, जिस वजह से वह small amount of information ही store कर पाते थे।
- जैसा की मैंने बताया प्रथम पीढ़ी के कंप्यूटर में Vacuum Tubes का इस्तेमाल होता था। इस वजह से काफी बड़े Cooling System की जरुरत पड़ती थी।
- उन कंप्यूटर में input के लिए punch cards का इस्तेमाल होता था और programming करने के लिए काफी कम support था।
- first generation के कंप्यूटर काफी महंगे होते थे।
- इस generation के कंप्यूटर काफी ज्यादा energy consume करते थे।
Second Generation Of Computer
Second Generation Of Computer (1956-1963):- ये कंप्यूटर प्रथम पीढ़ी की तुलना में तेज़ होते थे और इनमे निर्वात नली के स्थान पर ट्रांजिस्टर प्रयोग में लाया जाता था।
इस ट्रांजिस्टर का आविष्कार 12 sep 1958 में हुआ, इसके प्रयोग के पश्चात कंप्यूटर की स्पीड पहले से तेज़ हो गयी परन्तु ये कंप्यूटर भी ऊष्मा उत्सर्जित करते थे। इस पीढ़ी के कंप्यूटर में भी इनपुट देने के लिए पंच कार्ड और आउटपुट प्राप्त करने के लिए प्रिंट आउट का ही प्रयोग किया जाता था।
लेकिन प्रोग्राम लिखने के लिए बाइनरी भाषा की जगह असेंबली भाषा प्रयोग में लायी जाने लगी। असेंबली भाषा में अंग्रेजी के अक्षरों को कोड के रूप में प्रयोग में लिया जाता है।
COBOL और FORTRAN भाषाओ के प्रारम्भिक वर्जन का प्रयोग इसी समय किया जाने लगा, जो की उच्च स्तरीय भाषा के उदहारण है।
द्वितीय पीढ़ी के कम्प्यूटरों के निम्नलिखित मुख्य लक्षण थे:-
- वैक्यूम ट्यूब के बदले ट्रॉजिस्टर का उपयोग।
- अपेक्षाकृत छोटे एवं ऊर्जा की कम खपत।
- अधिक तेज एवं विश्वसनीय।
- प्रथम पीढ़ी की अपेक्षा कम खर्चीले।
- COBOL एवं FORTRAN जैसी उच्चस्तरीय प्रोग्रामिंग भाषाओं का विकास।
- संग्रहण डिवाइस, प्रिंटर एवं ऑपरेटिंग सिस्टम आदि का प्रयोग।
द्वितीय पीढ़ी के कम्प्यूटर के लाभ
- Transistors के इस्तेमाल के कारण, electron component का size काफी कम हो गया। इस वजह से second generation के computer पहले के काफी छोटे size के बनने लगे।
- कंप्यूटर को एक जगह से दूसरी जगह shift करना आसान हो गया।
- इस generation के कंप्यूटर पहले से काफी fast work करने लगे। यह कंप्यूटर microseconds में calculation कर सकते थे।
- Energy की खपत घट गयी और इस पीढ़ी के computer पहले ही तरह heat produce नहीं करते थे।
- इन computer में input के लिए assembly language और punch cards का इस्तेमाल होता था।
द्वितीय पीढ़ी के कम्प्यूटर के हानियाँ
- इन Computers में एक cooling system की जरुरत थी।
- इस पीढ़ी के कंप्यूटर कुछ specific tasks के लिए ही use किए जा सकते थे।
- Second generation के सभी कंप्यूटर को constant maintenance की जरुरत पड़ती थी।
Third Generation Of Computer
Third Generation Of Computer (1964-1971):- इस पीढ़ी में इनपुट देने के लिए कीबोर्ड और आउटपुट के लिए मोनीटर का प्रयोग किया जाने लगा, और सबसे पहले ऑपरेटिंग सिस्टम का प्रयोग इस पीढ़ी में किया गया, जो की एक CUI आधारित ऑपरेटिंग सिस्टम था।
तृतीय पीढ़ी के कंप्यूटर में ट्रांजिस्टर के स्थान पर आई. सी. का प्रयोग किया जाने लगा। आई. सी. का अविष्कार 1958 में जैक किल्बी द्वारा किया गया।
आई. सी. के प्रयोग से कंप्यूटर का आकार बहुत छोटा और पहले से तेज़ हो गये। इस पीढ़ी के कंप्यूटर में प्रोग्राम लिखने के लिए उच्च स्तरीय भाषा का प्रयोग किया जाने लगा और ये कंप्यूटर एक समय में एक से ज्यादा कार्य करने में सक्षम थे।
तृतीय पीढ़ी के कम्प्यूटरों के निम्नलिखित मुख्य लक्षण थे:-
- एकीकृत सर्किट (Integrated Circuit) का प्रयोग।
- प्रथम एवं द्वितीय पीढि़यों की अपेक्षा आकार एवं वजन बहुत कम।
- अधिक विश्वसनीय।
- पोर्टेबल एवं आसान रख-रखाव।
- उच्चस्तरीय भाषाओं का बृहद् स्तर पर प्रयोग।
तृतीय पीढ़ी के कम्प्यूटर के लाभ
- इस generation के कंप्यूटर पहले से काफी सस्ते होते थे।
- IC chips के उपयोग से कंप्यूटर का size छोटा हो गया था। सिर्फ इतना ही नहीं, storage capacity बढ़ गयी थी और कंप्यूटर का performance भी काफी improve हुआ था।
- इस समय के कंप्यूटर में input के लिए punch cards की जगह, keyboard और mouse का इस्तेमाल होने लगा था।
- Third generation के कंप्यूटर में operating system का भी use होता था, जो time-sharing, multiple programming और resource-management जैसे advanced features के साथ आता था।
- इस पीढ़ी के कंप्यूटर nanoseconds में calculation करने में सक्षम थे।
तृतीय पीढ़ी के कम्प्यूटर के हानियाँ
- IC Chips को maintain करना मुश्किल था।
- IC Chips को large quantity और बेहतर तरीके से बनाने के लिए एक technology की जरुरत थी।
- कंप्यूटर को सुचारु रूप से चलाने के लिए Air-Conditioning की भी जरुरत थी।
Fourth Generation Of Computer
Fourth Generation Of Computer (1971-1980):- इस generation के कंप्यूटर Microprocessor पर based होते थे। अब कम्प्यूटर्स में Graphics User Interface (GUI) का इस्तेमाल भी शुरू हो गया था, जिससे users आसानी से computer का इस्तेमाल कर सकते थे।
Microprocessor की बात करें तो इसका इस्तेमाल logical और arithmetic functions के लिए होता था। उदाहरण – IBM 4341, DEC 10, STAR 1000, etc.
इस पीढ़ी के कम्प्यूटरों के निम्नलिखित मुख्य लक्षण हैं:-
- अतिविशाल स्तरीय एकीकरंण (Very Large Scale Integration) तकनीक का उपयोग।
- आकार में अद् भुत कमी।
- साधारण आदमी की क्रय-क्षमता के अंदर।
- अधिक प्रभावशाली, विश्वसनीय एवं अद् भुत गतिमान।
- अधिक मेमोरी क्षमता।
- कम्प्यूटरों के विभिन्न नेटवर्क का विकास।
कंप्यूटर की चौथी पीढ़ि के लाभ
- इस generation के कंप्यूटर सबसे fast होते थे।
- कंप्यूटर की size और भी छोटी हो गयी थी, और heating की परेशानी लगभग खत्म हो चुकी थी।
- Maintenance की जरुरत कम पड़ती थी।
- सभी तरह के High-level language का use कर सकते थे।
कंप्यूटर की चौथी पीढ़ि के हानियाँ
- Microprocessor का design और fabrication प्रोसेस काफी complex था।
- अभी भी ICs के manufacturing के लिए advance technology की जरुरत थी।
Fifth Generation Of Computer
Present and Beyond:- कंप्यूटर की पांचवी पीढ़ी की शुरुआत 1985 से हुई।1985 से अब तक के कंप्यूटर पांचवी पीढ़ी के अंतर्गत आते हैं कंप्म्प्यूटरों की पॉंचवीं पीढ़ी में वर्तमान के शक्तिशाली एवं उच्च तकनीक वाले कम्प्यूटर से लेकर भविष्य में आने वाले कम्प्यूटरों तक को शामिल किया गया हैं।
इस पीढ़ी के कम्प्यूटरों में कम्प्यूटर वैज्ञानिक कृत्रिम बुद्धिमत्ता (Artificial Intelligence) को समाहित करने के लिए प्रयासरत हैं। आज के कम्प्यूटर इतने उन्नत हैं कि वे हर विशिष्ट क्षेत्र, मूल रूप से अकाउन्टिंग, इंजिनियरिंग, भवन-निर्माण, अंतरिक्ष तथा दूसरे प्रकार के शोध-कार्य में उपयोग किये जा रहे हैं।
इस पीढ़ी के प्रारम्भ में, कम्प्यूटरों का परस्पर संयोजित किया गया ताकि डेटा तथा सूचना की आपस में साझेदारी तथा आदान-प्रदान हो सकें।नये इंटिग्रेटेड सर्किट (Ultra Large Scale Integrated Circuit), वेरी लार्ज स्केल इंटिग्रेटिड सर्किट (Very Large Scale Integrated Circuit) को प्रतिस्थापित करना शुरू किया।
इस पीढ़ी में प्रतिदिन कम्प्यूटर के आकार को घटाने का प्रयास किया जा रहा हैं जिसके फलस्वरूप हम घड़ी के आकार में भी कम्प्यूटर को देख सकते हैं।
पोर्टेबल (Portable) कम्प्यूटर तथा इण्टरनेट की सहायता से हम दस्तावेज, सूचना तथा पैसे का आदान-प्रदान कर सकते हैं। कंप्यूटर की पांचवी पीढ़ी ए.आई. के साथ विकसित हुई, ए.आई. से तात्पर्य है की एक मशीन जो मानवीय गुणों को समझ सके।
ये पीढ़ी अभी विकास की प्रक्रिया में है, इस पीढ़ी के कुछ गुण हम आजकल उपकरणों में काम लेते है जैसे- फिंगर प्रिंट , रोबोट , आवाज द्वारा इनपुट देना आदि।
इस पीढ़ी का मुख्य उद्देश्य ऐसी मशीन का निर्माण करना है जो यूजर की भाषा को समझ सके और उसका जवाब दे सके और साथ ही वो मशीन सिखने में सक्षम हो। सन्न 1980 के बाद का समय कंप्यूटर की पांचवी पीढ़ी कहा जाता है।
यह जमाना Desktop, Laptop, Notebook, Ultrabook, Chromebook, आदि जैसे latest products से भरा हुआ है। इस generation काmajor focus natural language input और Artificial Intelligence (AI) पर है।
इस generation का मुख्य उद्देश्य है कि computer हमारी भाषा समझ पाए, और खुद से चीज़े सिखने (self-learning) और decision लेने में सक्षम हो।
पांचवी पीढ़ी ULSI ((Ultra Large Scale Integration) टेक्नोलॉजी पर आधारित है जिसकी मदद से हम ऐसे microprocessor chips बना सकते है जिसमे 10 मिलियन electronic component लगे हो।
पॉंचवी पीढ़ी के कम्प्यूटरों के निम्नलिखित लक्षण हो सकते हैं:-
- कम्प्यूटरों के विभिन्न आकार (Different Size of Computer)-आवश्यकतानुसार कम्प्यूटर के आकार और संरचना को तैयार किया जाता हैं। आज विभिन्न मॉडलों-डेस्क टॉप (Desk Top), लैप टॉप (Lap Top), पाम टॉप (Palm Top), आदि में कम्प्यूटर उपलब्ध हैं।
- इण्टरनेट (Internet)- यह कम्प्यूटर का एक अंतर्राष्ट्रीय संजाल हैं। दुनिया-भर के कम्प्यूटर नेटवर्क इण्टरनेट से जुड़े होते हैं। और इस तरह हम कहीं से भी, घर बैठे – अपने स्वास्थ्य, चिकित्सा, विज्ञान कला एवं संस्कृति आदि-लगभग सभी विषयों पर विविध सामग्री इण्टरनेट पर प्राप्त कर सकते हैं।
- मल्टीमीडिया (Multimedia)- घ्वनी (Sound), दृश्य (Graphics), या चित्र और पाठ (Text), के सम्मिलित रूप से मल्टीमीडिया का इस पीढ़ी में विकास हुआ हैं।
- नये अनुप्रयोग (New Applications)- कम्प्यूटर की तकनीक अतिविकसित होने के कारण इसके अनुप्रयोगों यथा फिल्म-निर्माण, यातायात-नियन्त्रण, उघोग, व्यापार एवं शोध आदि के क्षेत्र में।
पॉंचवी पीढ़ी के कम्प्यूटर के लाभ
- इस जनरेशन के कंप्यूटर अलग-अलग sizes और features के साथ available है।
- User interface पहले से कई गुना बेहतर हो चूका है।
- कंप्यूटर पहले से ज्यादा reliable और faster काम करता है।
पॉंचवी पीढ़ी के कम्प्यूटरों के हानियाँ
- Low-level languages का use अभी भी काफी areas में होता है।