Know Website in Detail in Hindi?
हिस्ट्री ऑफ़ वेबसाइट
आज वर्ल्ड वाइड वेब (World Wide Web) ने धरती पर 30 साल पूरे कर लिए हैं। अंग्रेजी वैज्ञानिक टिम बर्नर्स-ली ने 12 मार्च, 1989 को जेनेवा के पास एक शोध संगठन CERN में वर्ल्ड वाइड वेब (WWW) का आविष्कार किया। अब CERN ही यूजर्स को दुनिया की पहली वेबसाइट देखने का मौका दे रहा है। पहली वेबसाइट को यूआरएल के जरिए देखा जा सकता है माध्यम से एक्सेस किया जा सकता है।
“वर्ल्ड वाइड वेब” के टाइटल वाली वेबसाइट पर वेब से संबंधित विभिन्न दस्तावेजों के हाइपरलिंक हैं। यहां यूजर यह पता लगा सकते हैं कि हाइपरटेक्स्ट क्या है, पूरे प्रोजेक्ट का सारांश, सॉफ्टवेयर प्रोडक्ट्स आदि। इसमें वर्ल्ड वाइड वेब प्रोजेक्ट से जुड़े लोगों की सूची भी देखी जा सकती है। जिसमें टिम बर्नर्स-ली सहित सर्न के शोधकर्ता जैसे कि एल्को वैन एस्परन, कार्ल बार्कर, रॉबर्ट कैइलियू, डैन कोनोली सहित अन्य लोग शामिल थे। वर्ल्ड वाइड वेब हिस्ट्री में 1989 से लेकर पूरे प्रोजेक्ट की टाइमलाइन बताई गई है।
ब्राउज़र को पहली बार मार्च 1991 में “सीमित दर्शकों” के लिए जारी किया गया था, और फिर बाद में 17 मई को केंद्रीय सर्न मशीनों के लिए उपलब्ध कराया गया था। सबसे आखिर में यह अगस्त, 1991 में सार्वजनिक उपयोग के लिए उपलब्ध कर दिया गया। सरल शब्दों में WWW दस्तावेजों और अन्य फाइलों के लिए एक भंडारण स्थान है, जो यूनिफ़ॉर्म रिसोर्स लोकेटर (URL) द्वारा पहचाने जाते हैं। WWW संसाधनों को वेब ब्राउज़र के माध्यम से इंटरनेट पर उपयोगकर्ताओं द्वारा पहचाना जाता है। गूगल ने WWW के 30 साल के हो जाने पर डूडल भी बनाया है।
वेबसाइट का निर्माण
इन्टरनेट जिसको की आमबोलचाल मे नेट भी कहा जाता है अनगिनत एवं आपस मे जुड़े हुए कंप्यूटर नेटवर्किंग का समूह है जिसकी मदद से आप एक कंप्यूटर से दूसरे कंप्यूटर पर सभी तरह की सूचनाओं को आदान प्रदान कर सकते है. सभी कंप्यूटर को इंटरनेट से जोड़ने (connect) के लिए बहुत सारे संस्थान एक व्यवस्थित तरीके से (managed way) TCP/IP एवं अन्य तकनीक की सहायता से सर्वर, स्विच, राऊटर, नेट केबल, फाइबर केबल आदि से इंटरनेट को वैश्विक रूप से कनेक्ट करतें है।
एक वेब होस्ट या वेब होस्टिंग सेवा प्रदाता वेबहोस्टिंग टेक्नोलॉजी एवं सर्विस प्रदान करता है जिससे की वेबसाइट या वेब पेज को इंटरनेट पर देखा (view/access) जा सके.परन्तु कभी आपने यह सोचा हैं कि वेब साईट का नाम एवं वेब साईट के URL में अंतर क्यों होता है. वेब का URL एक डोमेन नेम होता है जो की एक शार्ट फॉर्म में डॉट के साथ होता है. डॉमेन नाम सिस्टम को शार्ट मे DNS भी कहा जाता है. DNS इंटरनेट डोमेन और होस्ट नाम को IP address मे एवं IP address को होस्ट नाम मे तब्दील करने का काम करता है. जब भी हम कंप्यूटर के ब्राउज़र मे किसी वेबसाइट का नाम टाइप करते है तो वो वेबसाइट उसके IP address मे convert हो जाता है।
डोमेन नाम आईपी मे बदल जाता है लेकिन क्या आपने कभी सोचा है की ये क्यों होता है. ऐसा इसलिए होता है क्योकि कोई भी कंप्यूटर जब भी नेटवर्क मे होता है तो वो IP address को समझता है न की किसी होस्ट नाम को. IP address 192.168.2.68 या इसी प्रकार कुछ भी हो सकता है जिन्हें पुब्लिक को याद रखना कठिन होता है इसलिए किसी भी वेबसाइट का नाम alphabets मे रखा जाता है क्योकि वो हमारे लिए सरल होता है एवं हम नाम को सरलता से याद रख सकते है. जरा सोचिये की अगर होस्ट नाम न हो केवल IP Address याद रखने हो या फिर अगर IP address से website को देखना (access) हो तो क्या हमारे लिए IP address याद रखना possible हो पायेगा-नहीं।
DNS एक एक एसी सर्विस होती है जो की डोमेन नेम (वेबसाइट का नाम) को IP address मे एवं IP address को डोमेन नेम (website) मे बदलती है. यहाँ पर जैसे बताया गया है की domain name किसी website के name को कहते है जैसे की दूरदर्शन केंद्र भोपाल की वेबसाइट नाम है-http://www.google.com/ तो यह domain name है. परन्तु वेब साईट का नाम दूरदर्शन केंद्र भोपाल है एवं IP एड्रेस 164.100.178.14 हैं. यदि हम कंप्यूटर के ब्राउज़र में यह IP डाले तब भी हमरी वेबसाइट ओपन हो जाएगी।
वेबसाइट का परिचय
वेबसाइट एक वेबसाइट सार्वजनिक रूप से इंटरनेट पर उपलब्ध वेब पेजों और संबंधित सामग्री का एक संग्रह है जिसे एक सामान्य डोमेन नाम से पहचाना जाता है और कम से कम एक वेब सर्वर पर प्रकाशित किया जाता है। सभी सार्वजनिक रूप से सुलभ वेबसाइटें सामूहिक रूप से वर्ल्ड वाइड वेब का गठन करती हैं। कुछ समय पहले यह मानना था की वेबसाईट केवल कंपनीज् तथा बडे उद्योगसमूहों के लिये ही बनाई जाती है।
कुछ साल पहले काफी हद तक यह सच भी था। लेकिन अब समय बहुत बदल चुका है। जिस तरह मोबाईल फोन घर घर पहुँच गये और हमारी जिंदगी का हिस्सा बन गये; उसी प्रकार उतनीही सहजता से वेबसाईट बनाना अब आम बात हो गई है। अब वेबसाईट केवल व्यवसाय क्षेत्र के लिये नही बल्कि अपने व्यक्तिगत पसंद के लिये भी खास तौर से बनाई जा रही है। अत: वेबसाईट केवल कंपनीयों के लिये बनाई जाती है, यह संकल्पना बहुत पीछे छूट गई है। विविध विषयों की जानकारी देनेवाली अनगिनत वेबसाईट्स अब इंटरनेट पर उपलब्ध है। पुराने जमाने मे दादी या नानी के बटुए में हर चीज का नुस्खा होता था। इसिलिये वह बटुआ खजाना कहलाया जाता था। आज इंटरनेटपर भी हर किसी विषय की जानकारी होती है, तो यह भी एक खजाना ही हुआ।
हर इन्सान का कार्यक्षेत्र अलग होता है। इसी कारण हर किसी का कॉम्प्युटर क्षेत्र या आयटी क्षेत्र से संबंध नही होता। या फिर रोज कॉम्प्युटर पर काम करनेवालों को भी वेबसाईट बनाने की जानकारी नही होती। अत: ‘वेबसाईट बनाते कैसे है?’ यह सवाल उठना स्वाभाविक है। लेकिन वेबसाईट बनाने के लिये कॉम्प्युटर में निपुण होना अब आवश्यक नही रहा। बदलते वक्त के साथ आ रही नई कॉम्प्युटर तकनीकियों के कारण वेबसाईट बनाना एकदम आसान और ‘युजर फ्रेंडली’ हो गया है। इसी वजह से कॉम्प्युटर क्षेत्र से न जुडे हुए लोगों के लिये भी खुद की वेबसाईट बनाना एकदम आसान हो गया है।
किसी भी इन्सान के लिये नई चीज सीखते वक्त थोडी हिचकिचाहट होती है। लेकीन कॉम्प्युटर के बारे में ये बाते भी आसान हो जाती है। यहाँ हर चीज कैसे करनी है, इसके लिये पूरी जानकारी इंटरनेट पर उपलब्ध है। जैसे के चाय कैसे बनाते है, दाल-चावल बनाने की विधी ये जानकारी देनेवाली वेबसाईट्स भी इंटरनेट पर मौजूद है। चौक गये ना! लेकीन यह हकीकत है। अगर हम ढूंढने निकलेंगे तो यकीन नही होगा इतनी भिन्न भिन्न प्रकार की जानकारी देनेवाली वेबसाईट्स है। मिसाल के तौर पे नल रिपेअर कैसे करते है, गाडी की मरम्मत, घर को रंग देने से पहले क्या सावधानी बरतनी चाहिये, फ्यूज कैसे बदलते है, मेकअप टिप्स, कपडों के बारे में जानकारी, पूजा की तैयारी कैसे करते है इस जैसी अनगिनत विषयोंकी जानकारी इंटरनेट पर उपलब्ध है। और भी बहुत से उदाहरण दिये जा सकते है। कितने सारे पन्ने भर जायेंगे लेकिन सूची खतम नही होगी। और इन विभिन्न विषयों की जानकारी के लिये है वेबसाईट्स। और यह वेबसाईट्स अत्यंत सहजता से बनाई गई है।
यह वेबसाईट्स बनाने वाले सभी लोग कॉम्प्युटर क्षेत्र से जुडे हुए नही है। मतलब वेबसाईट बनाना आसान है, इतना तो यकीन हो गया। है ना? तो फिर अब हम वेबसाईट केसे बनाते है, यह देखते है। मजे की बात तो यह है की, इसकी जनकारी भी इंटरनेट पर उपलब्ध है। अब तक हमने जाना की किसी एक विषय की जानकारी जहाँ एकत्रित यानि संकलित की जाती है, उसे वेबसाईट कहते है। लेकिन वेबसाईट का सही मायने मे क्या मतलब है? अगर बही का एक कागज हो, तो उसे पन्ना (पेज) कहते है। उसी तरह से इंटरनेट पेज को ‘वेब पेज’ कहा जाता है। और ऐसे १००-२०० कागज एकसाथ बांध दे, तो? उसे बही या नोटबुक कहते है। इसी प्रकार जब बहुत सारी वेब पेजेस इंटरनेट पर किसी एक जगह (सेंट्रल लोकेशन) संकलित हो जाते है, वो वेबसाईट होती है। एक वेबसाईट में सैंकडो वेब पेजेस होती है। नोटबुक का सबसे पहला पेज जैसे ‘कव्हर पेज’ होता है, उसी तरह वेबसाईट का पहला पेज ‘होम पेज’ माना जाता है। होम पेज वेबसाईट की पहचान हो सकती है। वेबसाईट बनाने के लिये सबसे पहले कुछ चीजोंका तय आवश्यक होता है।
वेबसाइट को किसने बनाया?
वेबसाइट क्या हैं?
पहली वेबसाइट टिम बर्नर्स-ली द्वारा CERN में बनाई गई थी और 6 अगस्त, 1991 को लॉन्च की गई थी। पहली वेबसाइट पर जाएँ और ब्राउज़ करें एक साइट या वेबसाइट वेब पेजों का एक केंद्रीय स्थान है जो ब्राउज़र का उपयोग करके वेबसाइट के होम पेज पर जाकर संबंधित और एक्सेस किया जाता है। उदाहरण के लिए, कंप्यूटर होप वेबसाइट का पता URL (यूनिफ़ॉर्म रिसोर्स लोकेटर) है। हमारे होम पेज से, आप हमारी वेबसाइट पर मौजूद किसी भी वेब पेज (जैसे यह एक) का उपयोग कर सकते हैं। एक Web Site, वेब पेज के समान नहीं है। हालांकि दो शब्दों का उपयोग अक्सर एक-दूसरे के लिए किया जाता है, लेकिन वे नहीं होने चाहिए। तो क्या अंतर है? इसे सीधे शब्दों में कहें, एक Web Site वेब पेजों का एक Store है।
वेबसाइट के प्रकार
आज के समय में इंटरनेट पर कई श्रेणियों की वेबसाइट उपलब्ध है.जो अलग-अलग केटेगरी के हिसाब से फिट होती है जैसे की जो की एक ब्लॉग वेबसाइट है जिस पर आपके लिए इनफार्मेशन शेयर की जाती है-
- ब्लॉग (वेबलॉग)।
- बिज़नेस वेबसाइट एंड कॉर्पोरेट वेबसाइट।
- कम्युनिटी वेबसाइट।
- डेटिंग वेबसाइट।
- इ-कॉमर्स वेबसाइट।
- गेमिंग वेबसाइट।
- गवर्नमेंट वेबसाइट।
- हेल्प वेबसाइट, Q&A वेबसाइट ।
- मीडिया शेयरिंग वेबसाइट।
- P2P वेबसाइट एंड टोरेंट वेबसाइट।
- पर्सनल वेबसाइट।
- रिव्यु वेबसाइट।
- सर्च इंजन वेबसाइट।
- सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट।
- वेबमेल वेबसाइट।
- विकी वेबसाइट।
वेबसाइट होस्टिंग के लिए आवश्यक घटक
- Domain Name Registration
- Website design and development
- Web Hosting
- Promotion or promotion
- Maintenance
Domain Name Registration:- किसी वेबसाइट का डोमेन नाम उसका ऐसा नाम या पता है जिससे इंटरनेट के उपयोगकर्ता द्वारा उसको पहचाना और देखा जाता है। वेब प्रकाशन का पहला चरण उस वेबसाइट के लिये कोई डोमेन नाम तय करना और किसी डोमेन नेम सर्वर पर उस डोमेन नाम को पंजीकृत करना होता है। सर्वप्रथम हम डोमेन नेम का चयन कर उसकी उपलब्धता की जाचं डोमेन नेम पंजीयक के वेबसाइट (सर्वर ) पर करते है उपलब्ध होने पर उस डोमेन नाम को पंजीकृत करना होता है। विभिन्न देशो के डोमेन नाम रजिस्टर करने वाले अनेक संगठन और वेबसाइट है। आप उनमे से किसी भी निर्धारित शुल्क देकर अपना डोमेन नाम पंजीकृत करा सकते है।
उदाहरण के लिये भारत मे Yellow host.in, Go Daddy.com, Candid info.com, Sify.com, Dotster.com, Register.com आदि अनेक वेबसाइटे यह कार्य करती है। उनका शुल्क अलग अलग होता है। डोमेन नाम पंजीकरण सामान्यतः एक साल के लिये किया जाता है। यह अवधि समाप्त होने से पहले ही आप फिर शुल्क देकर पंजीकरण बढा सकते है। वैसे आप एक साथ कई साल का शुल्क जमा करके भी अपना डोमेन नाम कई वर्ष के लिये पंजीकृत करा सकते है।
वेबसाइट की विशेषताएं
Drag-and-drop widgets:- वस्तुओं को खींचकर आपके वेबसाइट पृष्ठ पर बिल्कुल ठीक स्थान पर रखें। सामग्री, इमेज स्लाइडर, Google Maps, वीडियो जोड़ना, संपर्क फॉर्म, लॉगिन फॉर्म एकीकरण ड्रैग-एंड-ड्रॉप कार्यात्मकता के द्वारा सक्षम किया गया है।
Feel fine and safe:- हर कोई अपने कार्य में सुरक्षित महसूस करना चाहता है और अपने ग्राहकों के लिए भी वही प्रदान करना चाहता है। अपने मुख्य व्यापार पर ध्यान केंद्रित करें जबकि हम आपकी वेबसाइट होस्टिंग आवश्यकताओं का ध्यान रखते हैं। हमारे पास आपके डाटा की सर्वोत्तम सुरक्षा के लिए उन्नत साधन हैं।
Sharing and care:- कार्य हमेशा टीम में ही सर्वश्रेष्ठ तरीके से होता है, और टीम के सदस्यों को एक-दूसरे का साथ देना चाहिए व एक दूसरे की परवाह करनी चाहिए।
वेबसाइट का महत्व
वर्तमान समय की जरुरत के हिसाब से जहाँ ग्लोबल होती दुनिया में सब कुछ मात्र कुछ क्लिक पर ही आपके स्क्रीन पर उपलप्ध हो जाता है, चाहे वो स्क्रीन आपके डेस्कटॉप की हो, लैपटॉप की हो या फिर टेबलेट/ मोबाइल की। आप क्या सोचते हैं, कि वेबसाइट होना या न होने से आपके व्यवसाय पर क्या फर्क पड़ता हैं? क्या वेबसाइट आपके व्यवसाय को तरक्की देता हैं? यहाँ हम कुछ ऐसे पहलुओं के बारे में लिख रहे है जिससे आपको पता चलेगा कि वेबसाइट का होना आपके व्यवसाय के लिए कितना फायदेमंद है।
To improve your market position:- वर्तमान समय में इन्टरनेट प्रयोगकर्ताओं की संख्या कुल जनसँख्या की आधी से अधिक है। और लोग वस्तुओं या सेवाओं का उपयोग करने से पहले उनकी जानकारी जैसे विवरण / खरीद के बाद के सेवाओं व अन्य उत्पादों की सूचनाएं आदि जुटाने के लिए इन्टरनेट का उपयोग करते हैं। इस व्यस्त होती दुनिया मैं समय की बचत हेतु भी इन्टरनेट का उपयोग ऑनलाइन खरीददारी के लिए भी किया जाता है। इसलिए अगर आपके व्यवसाय के वेबसाइट नहीं है तो आप एक बहुत बड़ी संख्या के ग्राहक वर्ग तक नहीं पहुच बना पा रहे हैं।
To increase the credibility of business and services:- जब भी आप अपने कार्य/ व्यवसाय या उत्पाद का जिक्र किसी से करते हैं तो आपकी व्यवसाय के वेबसाइट जरुर पूछी जाती है, या ऋण हेतु बैंक को संपर्क करते हों, तो प्रबंधक द्वारा भी आपसे आपकी वेबसाइट के बारे में एक बार जरुर चाही जाती । अगर आप कार्य की वेबसाइट हो तो यह आपके व्यवसाय का कद बढाता है।
Keeps the customer aware:- अपनी वेबसाइट द्वारा आप अपने ग्राहक को अपने उत्पादों, सेवाओं, नीतियों या समय समय पर आपके द्वारा दिए जाने वाले ऑफर्स की जानकारी से अपडेट रख सकते हैं।
Online promotion:- कोई भी व्यावसायिक इकाई या कंपनी अपने प्रचार के लिए काफी पैसा खर्च करती हैं। जैसे अख़बार, पोम्फ्लेट, विवरण पुस्तिका (brochures) द्वारा या होर्डिंग बोर्ड, बैनर, पोस्टर्स आदि द्वारा। पर यदि आपके पास आपकी अपनी वेबसाइट हो, तो आप ये सब जानकारी अपनी वेबसाइट पर उपलब्ध करा, इन सब खर्चो से बच सकते हैं।
24 x 7 availability:- वेबसाइट वर्ष के 365 दिनों, ग्राहक हेतु चौबीसों घंटे उपलब्ध रहती है। वेबसाइट द्वारा आपके कार्य/ व्यवसाय की जानकारी वहां तक पहुचती हैं, जहाँ न केवल वहां जहाँ आप मौजूद है।
वेबसाइट का उपयोगिता
सीएमएस वेब आधारित सॉफ्टवेयर एप्लीकेशन है, जिसकी मदद से आप खुद वेबसाइट कंटेंट को अपडेट कर सकते हैं। इसके लिए न तो वेबसाइट बनाने वाली कंपनी की मदद लेनी पड़ेगी और न ही इसके लिए वेब प्रोग्रामिंग के बहुत ज्यादा नॉलेज की जरूरत होगी।
Online identification – no start:- अप और ‘बूटस्ट्रैप बिजनेस’ अपनी ऑनलाइन पहचान बनाने के सिलसिले में जो सबसे पहला काम करना चाहेगा, वह निजी वेबसाइट बनवाना है। ऐसी कंपनियों की नजर में वेबसाइट एक बड़ा निवेश हो सकता है। इसलिए वेबसाइट लॉन्च करने का निर्णय लेने से पहले उद्यमी को यह अवश्य जानना चाहिए कि ऑनलाइन पहचान बनाने की क्या अहमियत है और इसके क्या फायदे हैं?
Trusted dot com domain:- इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया के अनुसार, आज भारत में 250 मिलियन से अधिक इंटरनेट यूजर हैं और भारत इंटरनेट का सर्वाधिक उपयोग करने वाला दुनिया का तीसरा देश है। बढ़ती उपयोगिता के कारण ही किसी कारोबार में ऑनलाइन पहचान की अहमियत तेजी से बढ़ रही है। आज अधिकतर कारोबारी यह तो मानते हैं कि इंटरनेट पर उनकी मौजूदगी का लाभ उनके ग्राहकों को हो रहा है, पर वे इससे अनजान हैं कि सही वेबसाइट कैसे बनवाएं? दरअसल, यह काम जितना मुश्किल दिखता है, उतना है नहीं।
ग्राहकों पर कारोबार की छाप छोड़ने की दिशा में पहला कदम आपका डोमेन नेम रजिस्टर कराना है। डोमेन नेम दरअसल इंटरनेट पर आपके कारोबार का पता होता है। जिस तरह आपके भौतिक पते से लोग यह जान लेते हैं कि आप कहां रहते हैं, उसी तरह डोमेन नाम से इंटरनेट पर आपके कारोबार का पता लगता है। इसलिए यह जरूरी है कि केवल भरोसेमंद और विश्वसनीय डोमेन नेम ही चुनें। डोमेन एक्सटेंशन ‘डॉट कॉम’ हो, ताकि लोग देखते ही ब्रांड को पहचान लें। वह हमेशा लोगों की नजर में रहे और उनका विश्वास जीत ले। यह डोमेन एक्सटेंशन हर आकार के बिजनेस के लिए सही है। सबसे बड़ी बात कि यह पूरी दुनिया में सबसे लोकप्रिय है। इसलिए आपके बिजनेस की सफलता के लिए ‘डॉट कॉम’ डोमेन एक्सटेंशन होना जरूरी है।
Design be tailored to business:- वेबसाइट का डिजाइन आपके बिजनेस की जरूरतों के अनुसार होना चाहिए। एक शानदार वेबसाइट तैयार करने के लिए इसके उद्देश्य जानना जरूरी है। इससे जुड़े कुछ अहम सवाल हैं…
- क्या वेबसाइट का उद्देश्य कंपनी को प्रमोट करना है?
- क्या यह ‘ब्रिक एंड मोर्टार बिजनेस’ के मार्केटिंग एक्सटेंशन का काम करेगी?
- क्या यह एक ई-कॉमर्स साइट होगी, जिससे विजिटर सामान और सेवाएं ऑनलाइन खरीदेंगे?
इस बारे में हस्तशिल्प बेचने वाली एक दुकान का उदाहरण लीजिए। यदि इसका मालिक अपना दायरा बढ़ाना चाहता है, तो अपनी वेबसाइट बनवाने और अपना डॉट कॉम डोमेन नेम रजिस्टर करवाने का विचार कर सकता है। इसके माध्यम से आपके बिजनेस को अधिक से अधिक लोग देखते-जानते हैं और इसकी ऐसी छवि बनती है कि लोग इस पर भरोसा करते हैं। इतना ही नहीं, वेबसाइट बनाने का खर्च एक अन्य दुकान खोलने के खर्च से बहुत कम होता है। अब इस बिंदु पर आकर हस्तशिल्प के दुकानदार को यह निर्णय लेना है कि क्या वेबसाइट उसके लिए मार्केटिंग और ब्रांड बिल्डिंग का असरदार साधन साबित होगी या वेबसाइट ऑनलाइन स्टोर बन कर उसकी बिक्री बढ़ा पाएगी।
Effective function:- वेबसाइट तैयार करने का उद्देश्य स्पष्ट हो जाए, तो कुछ ऑनलाइन रिसर्च करें और विभिन्न वेबसाइट्स को देखें, ताकि आपके लिए सही डिजाइन तय करने में मदद मिले और आप अपनी इच्छा के अनुसार उसमें सारे कार्य (फंक्शन) डाल सकें। दूसरा महत्वपूर्ण निर्णय यह होगा कि आप स्टैटिक वेबसाइट चाहते हैं या डायनामिक।
Static website:- स्टैटिक वेबसाइट की डिजाइन ऐसी होती है, जिसमें परिवर्तन नहीं किया जा सकता। वेबसाइट डिजाइन हो जाने और डिजाइन टेम्प्लेट में कंटेंट डाल देने के बाद हर एक वेब पेज हमेशा वही रहेगा। स्टैटिक वेबसाइट को अपडेट करने के लिए आपको वेबसाइट डेवलप करने वाली कंपनी से मदद लेनी होगी। स्टैटिक वेबसाइट से मोटे तौर पर एक ऑनलाइन पहचान बन जाती है और कई मामलों में इतना ही काफी होता है। उदाहरण के लिए हॉलिडे कॉटेज रेंटल की वेबसाइट के लिए बस कुछ पेज चाहिए, जिसमें कॉटेज का विवरण, कमरों की तस्वीरें, वहां तक पहुंचने के दिशा-निर्देश और करार का एक फॉर्म हो। इसी प्रकार एकाउंटिंग बिजनेस के लिए आपकी वेबसाइट में केवल प्रोफेशनल बॉयोग्राफी और संबंधित कुछ अन्य जानकारियां देनी होंगी।
Dynamic website:- डायनामिक वेबसाइट के कंटेंट को आप कंटेंट मैनेजमेंट सिस्टम (सीएमएस) की मदद से अपडेट कर सकते हैं। सीएमएस वेब आधारित सॉफ्टवेयर एप्लीकेशन है, जिसकी मदद से आप खुद वेबसाइट कंटेंट को अपडेट कर सकते हैं। इसके लिए न तो वेबसाइट बनाने वाली कंपनी की मदद लेनी पड़ेगी और न ही इसके लिए वेब प्रोग्रामिंग के बहुत ज्यादा नॉलेज की जरूरत होगी। ई-कॉमर्स वेबसाइट के लिए बेहतर है कि यह डायनामिक वेबसाइट हो, क्योंकि इसमें उत्पादों, सेवाओं, कीमतों और प्रमोशन के बारे में लगातार अपडेट देने होंगे।
वेबसाइट के फ़ायदे
Reach more people:- यदि आप एक businessman है तो जितने लोगों को आपके business के बारे मेंजानकारी होती है उतनी आपके business के लिए फ़ायदा है. इंटरनेट का उपयोग लाखों लोगों द्वारा किया जाता है, वे सभी कुछ सेवाएं ढूंढ रहे होते हैं और अगर वो सेवाएं आपके website में है तो आपके लिए ये फायदे मंद होगा।
Anyone, Anywhere and Anytime:- website होने का एक फायदा है की अपने वेबसाइट के बारे में दुनिया की किसीबी कोने से कोई भी व्यक्ति किसी भी समय जानकारी ले सकता है। इंटरनेट 24X7 ऑनलाइन है.अगर आपका business खुला नहीं है तो भी आपकी वेबसाइट होगी।
Less expensive:- क्या आपने कभी अपनी कंपनी का प्रचार किया है तो आप जानते होंगे कि एक कंपनी का प्रचार करना कितना महंगा है. कंपनी का वेबसाइट होने से कंपनी का प्रचार कम खर्चे में कर सकते है।
Fame grows:- आप visiting card, विज्ञापनों में अपनी वेबसाइट के पते का उपयोग कर सकते है और इससे आपकी business का कीर्ति बढ़ती है।
Reliability:- एक वेबसाइट आपको अपनी विश्वसनीयता साबित करने का अवसर देती है। आप को अपनी वेबसाइट के माध्यम से ग्राहकों को बताना होगा कि आपकी business उनके भरोसे के लायक क्यों हैं। यह आपकी सेवा और उत्पादों के लिए सकारात्मक प्रतिक्रिया उर्जित कर सकता है। इसके अलावा, आपकी वेबसाइट संभावित निवेशकों (Investors) के लिए यह पता लगाने के लिए एक जगह के रूप में कार्य करती है कि आपका business क्या है और भविष्य में यह क्या कर सकता है।
वेबसाइट के हानियाँ
वेबसाइट या Blog में उसका डिजाईन सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण होता है और ब्लॉग या वर्डप्रेस की वेबसाइट में हमें बनी बनाई फ्री टेम्पलेट मिलती है जिनका नुकसान क्या होता है ये आपको शायद न पता हो-
- फ्री टेम्पलेट का सबसे बड़ा नुकसान वेबसाइट या Blog से कंटेंट कॉपी होने का डर होता है।
- वेबसाइट या Blog पर विजिटर कम हो जाते है क्योकि वह सर्च में कम आता है।
- और कई फालतू के विजेट होते है जो टेम्पलेट से दूर नही होते।
- और वेबसाइट या Blog लोडिंग होने में टाइम बहुत लेता है।
- कई बारी क्रेडिट लिंक होते है तो को हटाना बहुत मुश्किल होता है।