What is Microprocessor? Know Microprocessor in Details in Hindi?
माइक्रोप्रोसेसर एक ऐसा डिजिटल इलेक्ट्रॉनिक युक्ति है जिसमें लाखों ट्रांजिस्टरों को एकीकृत परिपथ (इंटीग्रेटेड सर्किट या आईसी) के रूप में प्रयोग कर तैयार किया जाता है। इससे कंप्यूटर के केन्द्रीय प्रक्रमण इकाई सीपीयू की तरह भी काम लिया जाता है।
हिस्ट्री ऑफ़ माइक्रोप्रोसेसर
माइक्रोप्रोसेसर को सबसे पहले सन् 1970 में (इंटीग्रेटेड इलेक्ट्रॉनिक्स के लिए ) बनाया गया था। इस माइक्रोप्रासेसर का आर्डर जापानी कंपनी बिजीकॅाम ने इंटेल को दिया था। जिसमे 4 बिट माइक्रोप्रोसेसर को कनेक्ट किया गया। जिसे 4004 कहा जाता है।इसके बाद दूसरी पीढी में सन् 1974 में एक शक्तिशाली माइक्रोप्रोसेसर (8008) को एकल चिप के रूप में बनाने की घोषणा की गई थी। और यह चिप एक साल के कम समय में ही बहुत शाक्तिशाली हो गयी।
इसके बाद तीसरी पीढी सन् 1978 में इटेल नें 16 बिट 8086 प्रोसेसर जारी किया। जिसे इंटेल के 8086 और जिलॉग ज़ेड 8000 द्वारा दर्शाया गया था। इस माइक्रोप्रोसेसर में मिनी कंप्यूटर को 16 बिट प्रोसेसर के साथ प्रदर्शन किया गया था।तीसरी पीढी के बाद सन् 1990 में, इंटेल ने i386 प्रोसेसर जारी किया। यह प्रोसेसर सबसे पहले i386 व्यावसायिक रूप से उपलब्ध 32-बिट माइक्रोप्रोसेसर था। और इस माइक्रोप्रोसेसर मे पहली बार एक समय में एक से अधिक प्रोग्राम को चलाना संभव बनाया।
माइक्रोप्रोसेसर का आविष्कार
नवंबर, 1971 में, इंटेल नामक कंपनी ने सार्वजनिक रूप से दुनिया का पहला सिंगल चिप माइक्रोप्रोसेसर, इंटेल 4004 (यू.एस. पेटेंट 3,821,715) पेश किया, जिसका आविष्कार इंटेल इंजीनियरों फेडरिको फागिन, मार्सियन ई (टेड) हॉफ और स्टेन मजोर ने किया था।
माइक्रोप्रोसेसर का परिचय
माइक्रोप्रोसेसर को प्रोसेसर, सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट (सी.पी.यू.) “चिप” के नाम से भी जाना जाता है। यह कंप्यूटर का मस्तिष्क है और कंप्यूटर में होने वाला सारा का सारा काम उस पर निर्भर है। दो अंकों को जोड़ना हो या म्यूजिक सुनना हो या ईमेल टाइप करना हो छोटे से छोटा और बड़े से बड़ा काम प्रोसेसर के माध्यम से ही पूरा होता है। कंप्यूटर को दिया जाने वाला हर निर्देश माइक्रोप्रोसेसर के पास पहुंचता है और वह डाटा प्रोसेसिंग करता है।
प्रोसेसिंग का अर्थ है निर्देशो को क्रियान्वित करना और परिणाम प्रस्तुत करना | सिर्फ कंप्यूटर ही नहीं, कैलकुलेटर से लेकर घड़ियों और टेलीविजन तक हर इलेक्ट्रानिक उपकरण में किसी न किसी प्रकार का माइक्रोप्रोसेसर लगा होता है।माइक्रोप्रोसेसर माइक्रो चिप होता है जो मदर बोर्ड पर लगा होता है | माइक्रोप्रोसेसर का उपयोग मोबाइल, कम्प्यूटर, लेपटॉप, आदि में किया जाता है। माइक्रोप्रोसेसर को (अंकगणित / तर्क इकाई) का उपयोग करने के लिए डिजाइन किया गया है। एक माइक्रोप्रोसेसर हार्डवेयर व सॉफ्टवेयर में हो रहे तालमेल को नियंत्रित करने के काम आता है। और हम इसे ऐसा डिवाइज भी कह सकते हो जो सॉफ्टवेयर के निर्देशो को कंट्रोल करने के काम आता है।
प्रोसेसर की शक्ति गीगाहर्टज (GHz) पर निर्भर करती है, यानि जो प्रोससेर जितने ज्यादा गीगाहर्टज (GHz) का होगा उतनी ही तेजी से गणना करेगा।सूक्ष्म माइक्रो ट्रांज़िस्टरों का इंटीग्रेटेड रूप ही माइक्रोप्रोसेसर होता है। वर्तमान में इसकी क्षमता को जनरेशन के रूप में दर्शाया जाता है। जैसे 5th, 6th, 8th, 9th जनरेशन आदि।माइक्रोप्रोसेसर सेमीकंडक्टर मटेरियल का बना होता है जैसे ,सिलिकॉन ,जर्मेनियम। माइक्रोप्रोसेसर के अविष्कारक Marcian Hoff तथा उनकी टीम थी।
माइक्रोप्रोसेसर के निर्माण में जितने छोटे ट्रांजिस्टर का उपयोग किया जाता है ,उतना ही उसका आकर छोटा होता जाता है। आकर छोटा होने के साथ साथ Processor की जनरेशन और क्षमता बढ़ती जाती है माइक्रोप्रोसेसर की कोर इनकी बहुकार्य तकनीकी को दर्शाती है। अर्थात 1-कोर वाला Processor,एक समय पर एक ही कार्य करेगा। Dual -कोर , एक साथ दो कार्य कर सकता है। इसी प्रकार से Quad -कोर , Hexa-कोर , Octa-कोर तथा Deca-कोर भी कार्य करते हैं।बिट, कंप्यूटर की बाइनरी लैंग्वेज की इकाई है। 4-बिट का मतलब है , उक्त प्रोसेसर 4-बिट का इंस्ट्रक्शन ले सकता है। ऊपरी तौर पर कहा जाये तो बिट का आशय इंस्ट्रक्शन साइज से होता है।
माइक्रोप्रोसेसर की स्पीड को GHz में मापा जाता है।स्पीड से मतलब है ,कंप्यूटर हमारे निर्देश को कितने समय में पूरा कर रहा है। 1GHz का तात्पर्य है, 1 गीगा साइकिल इन पर सेकंड। प्रोसेसर की स्पीड जितनी ज्यादा होगी , वह उतनी कार्यकुशलता से कार्य कर सकेगा। IIT मद्रास ने , भारत का पहला स्वदेशी माइक्रोप्रोसेसर विकसित किया है। इस माइक्रोप्रोसेसर का नाम ‘शक्ति’ रखा गया है।वर्तमान में बाजार में 32-बिट और 64-बिट के माइक्रोप्रोसेसर उपलब्ध हैं। प्रोसेसर बनाने वाली मुख़्य कंपनी इंटेल तथा AMD हैं।हमारे स्मार्ट फ़ोन में उपयोग होने वाले माइक्रोप्रोसेसर बनाने वाली मुख़्य कंपनी Qualcomm और MediaTeck हैं। अधिकांश स्मार्ट फ़ोन कंपनी इन्ही ब्रांड के माइक्रोप्रोसेसर का उपयोग करती हैं।
माइक्रोप्रोसेसर का निर्माण
आमतौर पर माइक्रोप्रोसेसर के निर्माण का श्रेय इंटेल 4004 नामक माइक्रोप्रोसेसर को जाता है। इंटेल ने इसे 1971 में बाजार में उतारा था। पर यह भी सही है कि इसी समय टेक्सास इंस्ट्रुमेंट्स के टीएमएस 1000 और गॉरेट एआई रिसर्च यानी जीएसी ने सेंट्रल एयर डेटा कंप्यूटर (सीएडीसी) का निर्माण शुरू कर दिया था।
माइक्रोप्रोसेसर क्या हैं?
वर्तमान युग कंप्यूटर युग है। हम चारो ओर से कम्प्यूटरो से घिरे हुए हैं। आपके स्मार्टफ़ोन से लेकर लैपटॉप तक, सारे स्मार्ट उपकरण कंप्यूटर से संचालित होते हैं। अब प्र्श्न उठता है, ये कंप्यूटर कैसे संचालित होता है? आज हम आपके इसी प्रश्न का उत्तर देंगे आखिर कंप्यूटर को चलाने वाली वो चीज क्या है? और कैसे संचालित होती है? दोस्तों कंप्यूटर को चलाने के लिए जरूरत होती है, उसके अंदर एक Processor की, जिसे कंप्यूटर इंजीनियरिंग में माइक्रोप्रोसेसर या फिर CPU कहा जाता है।
एक तरह से माइक्रोप्रोसेसर कंप्यूटर का दिमाग है या कहे आत्मा है बिना इसके कंप्यूटर हमारे Instructions को नहीं मानेगा। तो चलिये माइक्रोप्रोसेसर को करीब से जानते है।कंप्यूटर के अन्य महत्वपूर्ण भाग RAM, ROM, SMPS, Motherboard के समान माइक्रोप्रोसेसर भी एक अति महत्वपूर्ण भाग है। यह एक बिस्किट्स के समान होता है।आप इसे Motherboard में Processor Fan के नीचे लगा देख सकते है। वर्तमान में इसके प्रकारो को Dual core, I3 ,I5 तथा I7 के माध्यम से दर्शाया जाता है।कंप्यूटर माइक्रोप्रोसेसर के द्वारा ही, हमारी दी गयी command को execute करके उसके results को स्क्रीन पर दिखाता है।
यह कहना अतिश्योक्ति नहीं होगी माइक्रोप्रोसेसर कंप्यूटर का दिमाग होता है। कोर (Core) माइक्रोप्रोसेसर के अंदर लगी एक गणना करने वाली यूनिट या चिप होती है, इसी चिप पर प्रोसेसर की गति निर्भर करती है.प्रोसेसर अलग-अलग कोर के होते है,एक कोर वाले प्रोसेसर को Single Core Processor कहते हैं.Single Core Processor ज्यादा बोझ पडते ही हैंग होने लगता था, इसलिये इसकी क्षमता बढाने के लिये प्रोसेसर में अतिरिक्त कोर (Core) लगाये जाते हैं, इनकी संख्या के आधार पर ही प्रोसेसर के नाम रखे गए है –
- Dual Core Processor
- Quad Core Processor
- Hexa Core Processor
- Octa Core Processor
- Deca Core Processor
Dual Core processor:- Dual Core प्रोसेसर में दो कोर या प्रोसेसर होते हैं। वे सिंगल प्रोसेसर की तुलना में दोगुने तेज होते हैं।
Quad Core processor:- एक क्वाड-कोर प्रोसेसर में चार इंडिपेंडेंट यूनिट होते हैं जिन्हे कोर कहते हैं, जो सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट (सीपीयू) के इंस्ट्रक्शंस को पढ़ते हैं और एक्सीक्यूट करते हैं।
Hexa Core processor:- Hexa Core मल्टी-कोर प्रोसेसर है जो छह कोर के साथ आता है और इसमें dual core और quad core प्रोसेसर की तुलना में ज्यादा तेजी से कार्य करने की क्षमता होती है।
Octa Core processor:- Octa-core प्रोसेसर आठ प्रोसेसर कोर से बना है।
Deca Core processor:- Dea core प्रोसेसर के एक ही चिप पर 10 सिपीयू कोर होते हैं।
माइक्रोप्रोसेसर के प्रकार
8085 Microprocessor:- इस माइक्रोप्रोसेसर को सन् 1977 में इंटेल द्वारा पेश किया गया था। यह एक 8 बिट डेटा बस माइक्रोप्रोसेसर है। जो 5 मेगाहर्ट्स की आवृति तक काम कर सकता है। इसकी चिप में 40 पिन होते हैं। जो चिप के आकार को कम करने के लिए डेटा बस के साथ लोअर ऑर्डर एड्रेस बस को मल्टीप्लेक्स करता है।
8086 Microprocessor:- यह एक ऐसा माइक्रोप्रोसेसर है। जिसमे 20 address लाइनों, 16 बिट माइक्रोप्रोसेसर, और 1MB के भंडार के साथ 16 डेटा लाइनों को कनेक्ट किया गया है। और 8086 माइक्रोप्रोसेसर में एक शक्तिशाली Instructions सेट होता है, जो गुणन, विभाजन जैसे कार्यों को आसानी से कर देता है।
CISC Microprocessor (Complex Instruction Set Computing):- यह एक धीमा माइक्रोप्रोसेसर है। जिसे गेम खेलने, संगीत सुनने, टेक्स्ट जोड़ने और बहुत सारे काम करने मे उपयोग किया जाता है। अधिक कामकाज के कारण इसकी गति RISC प्रकार के प्रोसेसर की तुलना में धीमी है। यह मुख्य रूप से डेस्कटॉप, लैपटॉप कंप्यूटिंग में उपयोग किया जाता है।
Intel RISC (Reduced Instruction Set Computer):- यह एक कम इंस्ट्रक्शन सेट माइक्रोप्रोसेसर है। जो सरल और छोटे निर्देश के कारण इसे बहुत तेजी से निष्पादित करता है। इस प्रकार के माइक्रोप्रोसेसर विशेष कार्य जैसे डेटाबेस, सर्वर, ईमेल क्लाइंट इत्यादि के लिए डिज़ाइन होते हैं, इसलिए यह मुख्य रूप से सर्वर कंप्यूटर में उपयोग किया जाता है।
माइक्रोप्रोसेसर के भाग
माइक्रोप्रोसेसर के भागो को यदि कार्य के अनुसार विभाजित किया जाये तो वे निम्नवत होंगे:-
Memory Unit (MU):- माइक्रोप्रोसेसर में MU का कार्य उसके इनपुट तथा आउटपुट इंस्ट्रक्शन से सम्बंधित जानकारी को स्टोर करके रखना है। कंप्यूटर को हमारे द्वारा जो इंस्ट्रक्शन दिये जाते हैं।। वे इंस्ट्रक्शन Execute होने से पूर्व तथा बाद में MU में स्टोर होता है। उसके पश्चात रिजल्ट के रूप में सामने आते हैं।
ALU (Arithmetic Logical Unit):- माइक्रोप्रोसेसर के अंकगणित और लॉजिकल दोनों प्रकार के कार्य ALU द्वारा किये जाते हैं। अंकगणित operation में जोड़ ,घटाना, गुणा ,भाग आदि होते है। लॉजिकल operation, लॉजिकल गेट्स AND, OR, NOT के द्वारा सम्पन्न होती हैं।
Control Unit (CU):- माइक्रोप्रोसेसर के सभी Instructions का प्रचालन एवं नियंत्रण Control Unit के द्वारा होता है। CU ही माइक्रोप्रोसेसर में आये हुये, इंस्ट्रक्शन को Decode करता है। Decode के बाद उसके Execution का निर्देश सम्बंधित यूनिट को देता है। Execution के पश्चात उसके परिणाम को मेमोरी यूनिट में तथा उससे आगे सम्पादित करने का कार्य भी CU के द्वारा ही किया जाता है।
माइक्रोप्रोसेसर की विशेषताए
- माइक्रोप्रोसेसर का कार्य अंकगणित और तर्किक सचांलन करता है।
- इस माइक्रोप्रोसेसर में 74 निर्देश सेट होते है।
- यह 8 बिट माइक्रोप्रोसेसर है।
- इस माइक्रोप्रोसेसर में एड्रेस बस की पहली 8 लाइनें और डेटा बस की 8 लाइनें, AD0-AD7 से गुणा की जाती हैं। और डेटा बस 8 लाइनों D0-D7 का एक समूह होता है।
- इस माइक्रोप्रोसेसर का उपयोग तीन चिप माइक्रो कंप्यूटर (8085, 8155, 8355) को लागू करने के लिए किया जा सकता है।
माइक्रोप्रोसेसर की उपयोगिता
यह एक ऐसा डिजिटल इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस है जिसमें लाखों ट्रांजिस्टरों को एकीकृत परिपथ अर्थात इंटीग्रेटेड सर्किट या आईसी के रुप में प्रयोग कर तैयार किया जाता है। इससे कंप्यूटर के सीपीयू अर्थात सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट की तरह भी काम लिया जाता है। इंटीग्रेटेड सर्किट के आविष्कार ने ही माइक्रोप्रोसेसर के निर्माण का रास्ता खोला था। माइक्रोप्रोसेसर के अस्तित्व में आने के पूर्व सीपीयू अलग-अलग इलेक्ट्रॉनिक अवयवों को जोड़कर बनाए जाते थे या फिर लघुस्तरीय एकीकरण वाले परिपथों से हैं।
माइक्रोप्रोसेसर का कार्य सिद्धांत
माइक्रोप्रोसेसर किसी भी दिये गए इंस्ट्रक्शन को पूरा जिस तरीके से करता है। उसे हम 4 भागो में बाँट सकते हैं,जो इस प्रकार से हैं:-
FETCH:- माइक्रोप्रोसेसर में जब कोई Instruction I/P यूनिट् के द्वारा आता है। यह इंस्ट्रक्शन पहले मेमोरी यूनिट में स्टोर होता है। इस क्रिया को Fetching कहते हैं। पुरानी पीढ़ी के कंप्यूटर में RAM के द्वारा माइक्रोप्रोसेसर को I/P Instruction दिए जाते थे। आधुनिक पीढ़ी के माइक्रोप्रोसेसर में एक Cache मेमोरी की व्यवस्था की गयी है। Cache में I/P Instructionपहले से रहता है, जिससे I/P Instruction के आने के समय की बचत होती है और प्रोसेसर की प्रोसेसिंग स्पीड बढ़ जाती है।
DECODE:- मेमोरी यूनिट में स्टोर इंस्ट्रक्शन को,कण्ट्रोल यूनिट द्वारा पढ़ा और समझा जाता है। ये किस प्रकार का इंट्रक्शन है, इंस्ट्रक्शन Arithmetic या logical इसमें विभेद करके, ALU को यह बताना होता है। ALU, कण्ट्रोल यूनिट द्वारा दिए गए निर्देश के अनुसार कार्य करती है। इस सम्पूर्ण क्रिया को DECODE ऑपरेशन कहते हैं।
EXECUTION:- Fetch, Decode होने के बाद इंस्ट्रक्शन ALU में पहुँचता है। इंस्ट्रक्शन के अनुसार ALU टास्क परफॉर्म करता है। ALU के ऑपरेशन के बाद उसका रिजल्ट मेमोरी यूनिट में स्टोर हो जाता है। इस सम्पूर्ण किया को EXECUTION कहते हैं।
WRITE BACK:- मेमोरी यूनिट में जो रिजल्ट स्टोर रहता है। उसको कण्ट्रोल यूनिट, आउटपुट इंट्रक्शन के द्वारा रिजल्ट के रूप में हमे दिखाती है। अर्थात यहाँ पर इनपुट इंस्ट्रक्शन के अनुसार उसका रिजल्ट Write Back हो जाता है। इसलिए इसे WRITE BACK क्रिया कहते है।
इस प्रकार आपने सीखा , कैसे माइक्रोप्रोसेसर हमारे द्वारा दी गयी कमांड पर कार्य करता है,और बड़ी ही तेजी से उसका रिजल्ट हमें दिखाता है।
माइक्रोप्रोसेसर का वर्गीकरण
- 4-bit processors (Intel 404 4004).
- 8-bit processors(8008,8080,8085motorola 6800(m6800)).
- 16-bit processor(8086,8088,zilog,z800,80186,80286).
- 32-bit processor(Intel 80386,80387,80486 PENTIUM pro ).
माइक्रोप्रोसेसर के फ़ायदे
- माइक्रोप्रोसेसर विभिन्न मेमोरी स्थानों के बीच डेटा को तेजी से स्थानांतरित कर सकता है।
- माइक्रोप्रोसेसरों का उपयोग जटिल गणितीय कार्यों को करने के लिए किया जाता है।
- माइक्रोप्रोसेसर का एक फायदा इसकी गति है, जिसे हर्ट्ज़ में मापा जाता है। उदाहरण के लिए, 3 गीगाहर्ट्ज़ के साथ एक माइक्रोप्रोसेसर, शीघ्र ही गीगाहर्ट्ज, प्रति सेकंड 3 बिलियन कार्य करने में सक्षम होता है।
माइक्रोप्रोसेसर की कमियां
- माइक्रोप्रोसेसर में डेटा के आकार की सीमाये है।
- अधिकांश माइक्रोप्रोसेसर फ्लोटिंग-पॉइंट ऑपरेशन का समर्थन नहीं करते है।
- माइक्रोप्रोसेसर में ROM, RAM और अन्य I / O उपकरणों की तरह कोई आंतरिक परिधीय (Internal peripherals) नहीं है।